कानोड़ में भाजपा ने छोड़ी उम्मीद, मैदान में केवल तीन प्रत्याशी
कमल से पहचाने जाने वाले कानोड़ में भाजपा ने छोड़ी उम्मीद बीस वार्डों की नगर पालिका में भाजपा बोर्ड मैदान में केवल तीन प्रत्याशी
उदयपुर, सुभाष शर्मा। कमल से जिले भर ही नहीं, संभाग में पहचान बनाने वाले कानोड़ कस्बे की नगर पालिका को लेकर भाजपा ने पूरी तरह उम्मीद छोड़ दी है। बीस पार्षदों की नगर पालिका के लिए भाजपा के तीन प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में हैं। आश्यर्च की बात यह है कि भाजपा बोर्ड के गठित होने के बावजूद यहां कांग्रेस एवं राजस्थान जनता सेना के बीच ही मुख्य मुकाबला है। इन दोनों दलों के प्रत्याशी सभी वार्डों से मैदान हैं, वहीं तेरह वार्डों में इन्हीं के प्रत्याशियों के बीच सीधी चुनौती है।
नामांकन भरे जाने से कुछ दिन पहले यहां त्रिकोणीय मुकाबले की बात कही जा रही थी। भाजपा के कद्दावर नेता एवं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से ज्यादा यहां चित्तौडग़ढ़ सांसद सीपी जोशी की सक्रियता से यहां भाजपा को मजबूत बताया जा रहा था। इधर, वल्लभनगर के पूर्व विधायक एवं राजस्थान जनता सेना सुप्रीमो रणधीरसिंह भींडर के एक बार कटारिया के विरोध में सभी वार्डों से प्रत्याशी उतारने की घोषणा के साथ वल्लभनगर विधायक एवं कांग्रेस नेता गजेंद्रसिंह शक्तावत की सक्रियता ने यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिखाई देने लगे थे। मंगलवार को नामांकन भरे जाने के बाद जारी सूची ने साफ कर दिया कि यहां भाजपा ने हाथ खड़े कर दिए हैं। यहां भाजपा के तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। जबकि राजस्थान जनता सेना एवं कांग्रेस ने सभी वार्डों से प्रत्याशी खड़े किए हैं। जिनमें से तेरह वार्डों में उनके बीच सीधी चुनौती है।
भीतरी कलह से हुआ यह हाल
राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि कानोड़ नगर पालिका चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है। भीतरी कलह से जूझ रही भाजपा में अपनों में बीच चल रहा मनमुटाव को भुनाने में कांग्रेस और
राजस्थान जनता सेना सफल रही। चित्तौडगढ़़ सांसद सीपी जोशी ने पिछले दिनों कानोड़ के केरेश्वर महादेव से जनचेतना सांसद पद यात्रा का आगाज किया था लेकिन नगर पालिकाध्यक्ष अनिल शर्मा, उपाध्यक्ष दर्शन शर्मा, भाजपा मण्डल महामंत्री जम्बु धींग एवं अन्य पदाधिकारी मौके से गायब हो गए। सभा में वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति चर्चा में रही।