Positive India: चिकित्सा कर्मियों के लिए छाते के कपड़े से बनाए गए बायो सूट
Positive India पाली के व्यापारी की पहल 500 सूट निशुल्क दिए जाएंगे जोधपुर के एम्स अस्पताल ने सूट को दी अस्थायी स्वीकृति।
जयपुर, मनीष गोधा। Positive India: कोरोना वायरस संक्रमण से सीधे तौर पर लड़ रहे डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के लिए राजस्थान के पाली जिले में एक व्यापारी ने बरसाती छाते में इस्तेमाल होने वाले कपड़े से बायो सूट बनाए हैं। वे पाली के डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों को ऐसे 500 सूट निशुल्क दे रहे हैं, वहीं जोधपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने भी इस सूट को अस्थाई स्वीकृति देते हुए परीक्षण के लिए कुछ बायो सूट तैयार कराए हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण से हमारे डॉक्टर और चिकित्साकर्मी सीधे तौर पर मुकाबला कर रहे हैं, क्योंकि वे इसके रोगियों के सीधे संपर्क में आते हैंष इसलिए उनके लिए विशेष प्रकार के बायो सूट, जिसे पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) कहा जाता है, की जरूरत होती है। यह विशेष तरह के कपड़े (फैब्रिक) से बनता है, जिसका वाटरप्रुफ होना जरूरी है।
मात्र 850 रुपये आई लागत : अभी इस्तेमाल किए जा रहे अच्छी गुणवत्ता के पीपीई बायो सूट 3000 से 4000 रुपये कीमत के हैं, लेकिन राजस्थान के पाली में गारमेंटस तैयार कराने वाले एक व्यापारी कमलेश गुगलिया ने करीब 850 रुपये की लागत में इन्हें तैयार किया है। गुगलिया ने बताया कि उन्होंने यहां डॉक्टरों को बड़ी संख्या में मास्क उपलब्ध कराए थे। इसी दौरान डॉक्टरों ने कहा कि आपका कपड़े तैयार कराने का व्यापार है तो हमें ऐसे सूट तैयार करवा के दो जो यहां आसानी से उपलब्ध हो जाएं और सस्ते भी हों। इस पर कमलेश ने इंटरनेट पर इसके बारे में जानकारी ली और यह पता किया कि यह सूट किस तरह के होते हैं। उन्होंने बताया कि पाली के पास फालना में बरसाती छाते का बड़ा कारोबार होता है। वहां से उन्होंने इसका फैब्रिक मंगाया और एक बायोसूट तैयार किया।
डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें अंदर इसी तरह के फैब्रिक का एप्रिन भी चाहिए। इसके बाद इसे फिर तैयार किया गया। इसी बीच जोधपुर स्थित एम्स के डॉक्टर भी उनके संपर्क में आए। यहां के डॉक्टरों ने जरूरत के हिसाब से इसके डिजाइन में बदलाव कराए। इसमें सिर की टोपी से लेकर पैरों के जूतों तक पूरा सूट है और। इसे उपयोग में लेने के बाद रात को सैनिटाइज कर लिया जाए तो फिर से काम में लिया जा सकता है।
उपयुक्त हुए तो स्थायी मंजूरी इस बारे में जोधपुर एम्स के डिप्टी मेडिकल सुर्पंरडेंटेट डॉक्टर विनीत सुरेका ने बताया कि इस बायो सूट को हमने देखा है। इसमें डिजाइन में जरूरत के हिसाब से कुछ बदलाव भी कराए हैं। हमारी कोविड कमेटी ने इसे अस्थायी स्वीकृति देते हुए कुछ सूट का ऑर्डर दिया है। इन्हें कुछ दिन काम में लिया जाएगा और उपयुक्त पाए गए तो स्थायी स्वीकृति दी जाएगी।