पहलू खां हत्याकांड: पुलिस जांच में फर्जी निकला गवाहों पर फायरिंग का मामला
पहलू खां हत्याकांड और गोतस्करी के दर्ज मामले को बहरोड़ कोर्ट से अलवर कोर्ट में स्थानांतरित करवाने के लिए यह पूरा षड्यंत्र रचा गया था।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में अलवर जिले के नीमराणा थाना इलाके में पहलू खां हत्याकांड के गवाहों पर फायरिंग का मामला झूठा निकला है। इस प्रकरण के गवाहों ने मामला बहरोड़ से अलवर कोर्ट में स्थानांतरित करवाने के लिए फायरिंग का झूठा षड्यंत्र रचा था। गवाहों ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर मामला दर्ज करवाया था। पुलिस ने इस मामले में तफ्तीश के बाद साफ कर दिया इस तरह की वारदात का कोई सबूत नहीं मिला है।
बहरोड़ पुलिस उपाधीक्षक कुशाल सिंह ने बताया कि पहलू खां हत्याकांड और गोतस्करी के दर्ज मामले को बहरोड़ कोर्ट से अलवर कोर्ट में स्थानांतरित करवाने के लिए यह पूरा षड्यंत्र रचा गया था। घटनास्थल पर फायरिंग के कोई सबूत नहीं मिले हैं। घटनास्थल के पास स्थित मोती महल होटल के सीसीटीवी फुटेज में गवाहों की बोलेरो गाड़ी सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर होटल के सामने से निकली, उसके 45 मिनट बाद तक वहां से कोई स्कॉर्पियो गाड़ी नहीं निकली, जबकि गवाहों ने काले रंग की स्कॉर्पियो में बदमाशों के होने के आरोप लगाए थे।
रास्ते में छह जगह पुलिस चौकी, थाने और नाके कहीं नहीं बताया
पुलिस उप अधीक्षक ने बताया कि नीमराणा के जिस स्थान पर दुघेड़ा के पास फायरिंग होना बताया गया है, उसके पास होटल और ढाबे पर मौजूद लोगों में से किसी ने घटना की तस्दीक नहीं की। घटना के बाद पहलू खां के बेटे और गवाहों ने पुलिस को तीन घंटे तक सूचना नहीं दी और वे नीमराणा से सीधे अलवर पहुंच गए। इस दौरान छह जगह पुलिस चौकी, थाने और पुलिस नाके लगे मिले, लेकिन इन्होंने पुलिस को घटना से अवगत नहीं कराया। वे सीधे अलवर पहुंचकर पुलिस अधीक्षक से मिले।
मामला दर्ज करवाने के बाद गाड़ी में मौजूद पांच लोगों को घटनास्थल का मौका मुआयना करवाया। उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई गई। सभी ने घटनास्थल और फायरिंग पर अलग अलग बयान और जगह बताई। इससे पुलिस का शक गहरा गया। इन्होंने जिस स्थान पर घटना होना बताया वहां पर गाड़ी में तेज गति के बाद ब्रेक लगाने की बात कही, लेकिन एफएसएल जांच में इसके भी कोई सबूत नहीं मिले है।
दबाव बनाने की रणनीति
उल्लेखनीय है पहलू खां के बेटे और अन्य गवाहों ने शनिवार को एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वे गवाही के लिए बहरोड़ जा रहे थे। इसी दौरान नीमराना इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बदमाशों ने उन पर फायरिंग की। पुलिस का कहना है कि दबाव की रणनीति के चलते और केस को बहरोड़ से अलवर ट्रांसफर करने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया था।