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पश्चिमी संस्कृति का सोचे-समझे अनुसरण कर रहे है हम: भैयाजी जोशी

भैयाजी जोशी ने कहा कि मानव की तरक्की के साथ ही प्रकृति के साथ तालमेल भी जरूरी है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 15 Dec 2017 10:19 AM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 10:19 AM (IST)
पश्चिमी संस्कृति का सोचे-समझे अनुसरण कर रहे है हम: भैयाजी जोशी
पश्चिमी संस्कृति का सोचे-समझे अनुसरण कर रहे है हम: भैयाजी जोशी

जयपुर, [जागरण संवाददाता]। आरएसएस के सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी का कहना है कि हम पश्चिमी संस्कृति का बिना सोचे-समझे अनुसरण कर रहे हैं। हमें देश को अमेरीका और चीन नहीं भारत ही बनाकर रखना होगा। इसके लिए उन्होंने पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय के सुझाए विचारों के साथ एकात्म मानवदर्शन की विभिन्न  उदाहरणों के जरिए व्याख्या की।

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गुरूवार को जयुपर में राजस्थान विश्चिघालय में पंडित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान माला में बोलते हुए भैयाजी जोशी ने कहा कि मानव की तरक्की के साथ ही प्रकृति के साथ तालमेल भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति के अत्यधिक दोहन से हो रहे संकट पर ध्यान देना होगा । उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संपदा होते हुए भी  हम अविकसित क्यों रह रहे हैं इस पर विचार करना होगा,जबकि अल्प संसाधनों वाले देश भी विकसित हो गए । भैयाजी जोशी ने कहा कि इंसान को गुणगान एवं सम्मान की भूख से मुक्त होकर बिना स्वार्थ दूसरों की सेवा करनी चाहिए ।

इस मौके पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने युवाओं से पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने उपाध्याय के जन्म स्थल धानक्या गांव को एक स्मारक के रूप में विकसित करने का सिलसिला शुरू किया है। मुख्यमंत्री ने उपाध्याय से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पिछले चार सालों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं । 


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