राजस्थान में पुलिस हिरासत में पांच दिन तक पांच लोगों को पीटा
police custody. राजस्थान में पुलिस हिरासत में पांच दिन तक पांच लोगों की पिटाई का मामला सामने आया है।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान के बूंदी जिले में एक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि उसके सहित पांच लोगों को पुलिसकर्मियों ने पांच दिन तक हिरासत में रखकर बुरी तरह पीटा। कोटा संभाग में हिरासत में प्रताड़ना दिए जाने का एक सप्ताह में यह दूसरा मामला है। बूंदी की पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता का कहना है कि आरोपों की जांच कराई जाएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बूंदी के भाटिया की झोपडि़या गांव के रहने वाले 42 वर्षीय महावीर भाटिया ने स्थानीय भाजपा नेता रूपेश शर्मा के साथ प्रेस वार्ता में उक्त आरोप लगाए हैं। भाटिया ने कहा है कि गेंडोली थाना के थानाधिकारी और अन्य चार पुलिसकर्मियों ने उसे और चार अन्य लोगों को 25 से 29 अगस्त के बीच बुरी तरह मारा-पीटा है। हालांकि, थानाधिकारी निरंजन मीणा ने कहा कि भाटिया पुराना अपराधी है और मूर्ति चोरी के आरोप में जब उसे कोर्ट में पेश किया गया तो उसकी मेडिकल रिपोर्ट में किसी चोट का जिक्र नहीं है। इस मामले में भाटिया को जमानत मिल गई है।
शरीर पर शक्कर व गुड़ डाला
भाटिया का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसके हाथ-पैर बांधकर उलटा लटका दिया और डंडों से पिटाई की। उसके शरीर पर शक्कर और गुड़ डाल दिया और चींटियां छोड़ दीं। थानाधिकारी ने उसके चेहरे पर एक पैर भी रखा, जिससे आंख के पास गहरी चोट लगी है। भाटिया का आरोप है कि 29 अगस्त को कोर्ट में पेश करने से पहले थानाधिकारी ने उसे हिरासत में की गई इस पिटाई के बारे में जिक्र नहीं करने को लेकर धमकाया। बाकी लोग अब भी सदमे में हैं, इसलिए खामोश हैं। भाटिया के मुताबिक, उसे और उसके दोस्त को 25 अगस्त को चाय की दुकान से उठाया और तीन अन्य लोगो के साथ पांच दिन तक लॉकअप में बंद रखा।
दोषियों को निलंबित करने की मांग
रूपेश शर्मा ने बताया कि हमने बूंदी पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर मामले की जांच कराने और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की है। डॉक्टर ने भी कोर्ट में पेश करने से पहले दी गई अपनी मेडिकल रिपोर्ट में इस प्रताड़ना और घावों का उल्लेख नहीं किया। पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता का कहना है कि इस बारे में मिली शिकायत की जांच कराई जाएगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों कोटा के महावीर नगर पुलिस थाने में हनुमान कोली की हिरासत में मौत के मामले में थानाधिकारी और सभी 21 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।