राजस्थान के अलवर में फिर गोतस्कर की पिटाई, हालत गंभीर
Cow smuggler in Alwar. राजस्थान के अलवर में गोतस्कर की पिटाई का मामला सामने आया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। गोतस्करी और मॉब लिंचिंग (उन्मादी हिंसा) को लेकर पूरे देश में बदनाम हो चुके राजस्थान के अलवर जिले में एक बार फिर कथित गोतस्कर की ग्रामीणों द्वारा जमकर पिटाई किए जाने का मामला सामने आया है। अलवर जिले के शाहजहांपुर पुलिस थाना इलाके के खुसा की ढाणी में रविवार देर रात करीब डेढ़ बजे ग्रामीणों ने मुनफेद नामक एक व्यक्ति की गोतस्करी के शक में पकड़कर पिटाई कर दी। हालांकि बाद में वह गोतस्कर ही निकला।
रात करीब ढ़ाई बजे ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी तो शाहजहांपुर पुलिस थाना अधिकारी अजीत सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और कथित गोस्कर को ग्रामीणों से मुक्त करा कर स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है। उसके शरीर में तीन फ्रैक्चर होने की बात सामने आई है। थाना अधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि रविवार देर रात कोटपुतली की तरफ से दो वाहनों टाटा-407 में गायों को भरकर हरियाणा की तरफ ले जाए जाने की सूचना मिली थी। इस पर शाहजहांपुर में नाकेबंदी कराई गई। गोतस्कर नाकेबंदी तोड़कर हरियाणा की तरफ बढ़ ही रहे थे कि खुसा की ढाणी में ग्रामीणों ने ट्रैक्टर-ट्राली आगे लगाकर उन्हें पकड़ लिया। एक वाहन तो ग्रामीणों की पकड़ में आ गया, जबकि दूसरे वाहन का चालक तेजी से चलाकर फरार हो गया।
ग्रामीणों की पकड़ में आए वाहन में तीन लोग सवार थे और उसमें सात गायों को बांध रखा था। इसमें से एक गाय की मौत हो गई थी। गोवंश के हाथ, पैर और मुंह रस्सी से बांध रखा था। ग्रामीणों के पास आते ही दो लोग तो अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। इस दौरान मुनफेद नाम का तीसरा व्यक्ति पकड़ में आ गया। मुनफेद पर पहले भी गोतस्करी के मामले दर्ज है। ग्रामीण मुनफेद को अपने कब्जे से छोड़ने को तैयार नहीं थे, लेकिन फिर अतिरिक्त पुलिस बल मंगवाने के बाद उसे मुक्त कराया जा सका। पुलिस के अनुसार, जो वाहन फरार हुआ उसके छह गोवंश भरे हुए थे और दो लोग सवार थे। पुलिस फरार लोगों की तलाश में जुटी है। पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह यादव ने जिला पुलिस अधीक्षक अमनदीप कपूर से मामले की रिपोर्ट मांगी है।
पकड़े गए मुनफेद पर पहले भी दर्ज हैं गोतस्करी के मामले
पुलिस के अनुसार, दोनों वाहनों में कुल 13 गोवंश जयपुर जिले के कोटपुतली के हीरामोती सिनेमा के पीछे से चार लोगों से खरीदकर लाए गए थे। इन गोवंश को हरसोरा, बानसूर, शाहजहांपुर होते हुए हरियाणा के नूंह में ले जाया जाना था। लेकिन इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली तो नाकेबंदी कराई गई। हालांकि कथित गोतस्कर पुलिस की नाकेबदी तोड़कर तो आगे निकल गए, लेकिन ग्रामीणों की पकड़ में मुनफेद नाम का व्यक्ति आ गया। जिन सात गोवंश को मुक्त कराया गया है, उन्हें स्थानीय गोशाला में भेज दिया गया। मुनफेद अलवर जिले के तालावास झोपड़ी का रहने वाला है और हरियाणा में कथित रूप से गोतस्करी का काम करता है। इसके खिलाफ गोतस्करी के पहले भी तीन मामले दर्ज हो चुके हैं।
गोतस्करी और मॉब लिंचिंग के लिए बदनाम है अलवर
हरियाणा सीमा से सटा राजस्थान का अलवर जिला मॉब लिंचिंग और गोतस्करी के लिए पूरे देश में बदनाम है। इस तरह की घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसी माह सीएम अशोक गहलोत के निर्देश पर अलवर जिले के दो हिस्से कर भिवाड़ी में अलग से पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थापित किया गया है। एक अप्रैल, 2017 को कथित गोतस्कर पहलू खान की लोगों की भीड़ द्वारा की गई पिटाई से हुई मौत और फिर जुलाई, 2018 में कथित गोतस्कर रकबर की मौत का मामला पूरे देश में छाया रहा है।