Rajasthan: मुकुंदरा अभयारण्य से सड़क पर निकला भालू का बच्चा, वाहन की चपेट में आने से मौत
Rajasthan राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में मुकुंदरा अभयारण्य से बुधवार को सड़क पर निकला भालू का बच्चा वाहन की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर मौत हो गई। इस अभयारण्य की चारदीवारी टूटने के चलते यह हादसा हुआ।
उदयपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा-चित्तौड़गढ़ मार्ग स्थित मुकुंदरा अभयारण्य से बुधवार को सड़क पर निकला भालू का बच्चा वाहन की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर मौत हो गई। इस अभयारण्य की चारदीवारी टूटने के चलते यह हादसा हुआ। भालू के बच्चे की मौत को लेकर वन्यजीव प्रेमियों ने दुख जताया है और इसके लिए वन विभाग को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है जिस टूटी दीवार से होकर भालू का बच्चा सड़क पर आया, उसकी मरम्मत के लिए कई बार शिकायत की जा चुकी है। भालू के बच्चे की मौत की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। बताया गया कि मृत भालू का बच्चा दो साल का होगा, जो किसी वाहन की चपेट में आ गया।
भालू के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। बताया गया कि मुकुंदरा और जवाहर सागर अभयारण्य में बड़ी संख्या में भालू रहते हैं। इस अभयारण्य के समीप से कोटा के लिए हाईवे निकलता है और उस पर जानवर नहीं जा पाएं, इसके लिए वन विभाग ने ऊंची दीवार बना रखी है लेकिन बीच-बीच में यह दीवार ध्वस्त हो गई। जिसकी मरम्मत को लेकर वन्यजीव प्रेमी कई बार शिकायत कर चुके, लेकिन उसकी मरम्मत नहीं की गई। इसके चलते वन्यजीव अकसर सड़़क पर आ जाते हैं और वाहनों की चपेट में आ जाते र्हैं।
वन्यजीव प्रेमी राजेश वर्मा का कहना है कि भालू भोजन की तलाश में अक्सर बाहर निकल जाते हैं। पूर्व में कोटा नेशनल पार्क से भी निकले वन्यजीव वाहनों की चपेट में आने से हादसे के शिकार हो चुके हैं। इधर, वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अभयारण्य की दीवारों की मरम्मत समय-समय पर कराई जाती है, लेकिन वनौपज तथा लकड़ियां ले जाने वाले लोग भी दीवार को ध्वस्त कर देते हैं। सुरक्षाकर्मियों की कमी के चलते लगातार वॉच नहीं रखा जा सकता।