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Rajasthan: किताब में इस्लामिक आतंकवाद पर छपे कंटेंट को लेकर प्रकाशक के दफ्तर पर हमला, विधानसभा में उठा मामला

Rajasthan किताब के विवादित कंटेंट के मामले में एक समुदाय विशेष के लोगों ने संजीव प्रकाशन के दफ्तर पर हर तोड़फोड़ की। बुधवार दोपहर हुई यह घटना इस्लामिक आतंकवाद पर छापे गए एक चैप्टर के कारण नाराज लोगों ने किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Wed, 17 Mar 2021 09:28 PM (IST)
Rajasthan: किताब में इस्लामिक आतंकवाद पर छपे कंटेंट को लेकर प्रकाशक के दफ्तर पर हमला, विधानसभा में उठा मामला
पासबुक में इस्लामिक आतंकवाद पर छपे कंटेंट को लेकर प्रकाशक के दफ्तर पर हमला। फाइल फोटो

जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan: जयपुर में एक किताब के विवादित कंटेंट के मामले में एक समुदाय विशेष के लोगों ने संजीव प्रकाशन के दफ्तर पर हर तोड़फोड़ की। बुधवार दोपहर हुई यह घटना इस्लामिक आतंकवाद पर छापे गए एक चैप्टर के कारण नाराज लोगों ने किया। लोगों ने किताबें फाड़ने के साथ ही प्रकाशक के दफ्तर में तोड़फोड़ की। कुछ किताबों को जला दिया। प्रकाशक के दफ्तर पर हमला करने वाले लोगों ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची, लेकिन इससे पहले ही तोड़फोड़ करने वाले लोग फरार हो गए। प्रकाशक के मैनेजर विजय शंकर ने बताया कि 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की एक बुक में इस्लामिक आतंकवाद के सवाल पर एक जवाब छापा गया है।

यह किताब राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की किताब में भी पूछा गया है। सवाल है कि इस्लामिक आतंकवाद को आप क्या समझते हैं। इसके जवाब में लिखा गया है कि इस्लामिक आतंकवाद इस्लाम का ही एक रूप है,जो विगत 20-30 साल से अत्यधिक शक्तिशाली बन गया है। आतंकियों में किसी एक गुट विशेष के प्रति समर्पण भाव नहीं होकर एक समुदाय विशेष के प्रति होता है। समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता इस्लामिक आतंकवाद की मुख्य प्रवृति है। पंथ या अल्लाह के नाम पर आत्म बलिदान और असीमित बर्बरता, ब्लैकमेल, जबरन धनवसूली और निर्मम हत्याएं करना ऐसे आतंकवाद की विशेषताएं बन गई है। जम्मू-कश्मीर आतंकवाद पूरी तरह से धार्मिक और पृथकतावादी श्रेणी में आता है। विजय शंकर ने बताया कि कुछ समय पहले इस सवाल के जवाब में आपत्ति आई तो हमले अपनी सभी पाकबुक बाजार से वापस मंगवा ली थी।

नई किताबों में उन बिंदुओं को हटा दिया गया था, जिससे कि किसी की धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचे । हालांकि इस सवाल का जवाब दूसरे प्रकाशक की बुकों में भी इसी तरह से दिया गया है । तीन साल पहले बुक में यह चीज छापी गई थी,उसके जवाब में बुधवार को दफ्तर में हमला हुआ। उन्होंने कहा कि तीन-चार दिन से धमकी भरे फोन आ रहे थे,जिसकी जानकारी पुलिस को दी गई थी। उधर, कांग्रेस विधायक रफीक खान ने विधानसभा में शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।