बेटी ने पीहर वालों से पैतृक संपत्ति में हिस्सा मांगा तो समाज ने किया बहिष्कार
एक बेटी के पैतृक संपत्ति में हिस्सा मांगा तो जाति पंचायत ने उसके परिवार पर 51 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया और जुर्माना राशि नहीं दी तो समाज से बहिष्कृत कर दिया।
उदयपुर, जेएनएन। पैतृक संपत्ति में जितना अधिकार बेटे का है, उतना ही अधिकार बेटी भी रखती है। कानून लागू होने के बावजूद ग्रामीण इलाकों में इसकी पालन नहीं की जाती। यहां तक बेटी के अधिकार मांगने पर उसे और परिवार को खामियाजा भुगतना होता है।
इसी तरह का एक मामला चित्तौडग़ढ़ जिले के धनेतकलां में सामने आया है। जहां एक बेटी के पैतृक संपत्ति में हिस्सा मांगा तो जाति पंचायत ने उसके परिवार पर 51 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया और जुर्माना राशि नहीं दी तो समाज से बहिष्कृत कर दिया। इस पीड़ा को भोग रहा है लक्ष्मीपुरा में रह रही धनेतकलां निवासी भैरीबाई और उसका पूरा परिवार। भैरीबाई ने अपने पति पप्पूलाल सुथार और कुछ रिश्तेदारों को लेकर जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक को अपनी पीड़ा बताई।
उसका कहना था कि दस जून की रात धनेतकलां में समाज के लोगों ने पंचायत बिठाई और उसे और उसके पति को वहां बुलाया। जहां उस पर अपने पिता की पुश्तैनी जमीन से हक छोडऩे का दबाव ही नहीं बनाया, बल्कि उन्हें डराया और धमकाया गया। पंचों ने कहा कि यदि उसने अदालत में किया वाद वापस नहीं लिया तो उसके परिवार को जाति से बहिष्कृत रखा जाएगा। पीडि़ता परिजनों का कहना था कि इससे पहले वह सदर थाने में अपना परिवाद दे चुके हैं। पुलिस ने वहां जाति पंचायत के पंचों को बुलाया लेकिन वहां भी पंचों ने उन्हीं पर दबाव बनाने का प्रयास किया।
चित्तौडग़ढ़ सदर थाना पुलिस निरीक्षक नवनीत बिहारी व्यास का कहना है महिला ने परिवाद दिया था। तब आरोपियों को पाबंद कर दिया। अब फिर से शिकायत मिली है तो मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।