अशोक गहलोत बोले- वैक्सीनेशन की आयु सीमा को हटाया जाए, 24 से 45 वर्ष के लोगों का भी टीकाकरण हो
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए आयु सीमा को हटाया जाना चाहिए। 11 दिन में प्रदेश में कोरोना के नए मामलों की संख्या करीब 3 गुना बढ़ गई है। अगर अभी भी लापरवाही बरती गई तो स्थिति बिगड़ सकती है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए आयु सीमा को हटाया जाना चाहिए। इसके साथ ही 24 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण किया जाना चाहिए, क्योंकि ये लोग अपने काम से घरों के बाहर रहते हैं। इस आयु वर्ग के लोग सुपर स्प्रेडर बन सकते हैं। गहलोत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास बड़ी संख्या में वैक्सीन उत्पादन की क्षमता उपलब्ध है,जिसका इस्तेमाल होना चाहिए।
गहलोत ने सोशल मीडिया पर कहा, मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि राज्यों को अधिक से अधिक संख्या में वैक्सीन उपलब्ध करवाएं, जिससे कोरोना संक्रमण की इस दूसरी लहर पर काबू पाया जा सके। कोरोना मामले बढ़ने पर एक और लॉकडाउन आजीवन के लिए घातक साबित होगा। बेंगलूरू के डॉक्टर देवी शेट्टी की उस राय को उचित बताया है, जिसमें कहा गया है कि यदि 20 से 45 वर्ष की उम्र के लोगों को टीका लगाया जाए तो छह माह में कोरोना पर अंकुश लगेगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए आयु सीमा को हटाया जाना चाहिए। 11 दिन में प्रदेश में कोरोना के नए मामलों की संख्या करीब 3 गुना बढ़ गई है। अगर अभी भी लापरवाही बरती गई तो स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का उपयोग और हाथ धोने पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा यदि आमजन ने सतर्कता नहीं बरती तो सरकार को सख्त फैसले लेने ही पड़ेगें। सरकार सख्त फैसलों की बजाय आमजन के सहयोग से कोरोना को नियंत्रित करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कोरोना महामारी की दूसरी लहर तेरी से फैल रही है। दूसरी लहर के तहत 12 दिन में अब तक करीब 700 संक्रमित मिल चुके हैं। सरकार ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए 8 शहरों में रात्रि कफ्र्यू लागू करने के साथ ही पूरे पूरे प्रदेश में बाजार रात 10 बजे बंद करने का निर्णय लिया है।