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Rajasthan: राजस्थान में गहराया बिजली संकट अशोक गहलोत ने कहा- बिजली बचत को बढ़ावा दें, एसी कम चलाएं

राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी ने बताया कि बारिश देरी से होने के कारण कोयला खदानों में पानी भरना कोयला उत्पादन कम होने की मुख्य वजह है।राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम द्वारा एसईसीएल से 3800 मीट्रिक टन यानी एक रैक कोयला सड़क व रेलमार्ग के माध्यम से उठाया जा रहा।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 12:47 PM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 01:14 PM (IST)
Rajasthan: राजस्थान में गहराया बिजली संकट अशोक गहलोत ने कहा- बिजली बचत को बढ़ावा दें, एसी कम चलाएं
अशोक गहलोत ने कहा- बिजली बचत को बढ़ावा देने के लिए चलाएं जागरूकता अभियान

नई दिल्ली/ जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में बिजली संकट लगातार गहराता जा रहा है। राज्य सरकार बिजली खरीद, उत्पादन और वितरण का पूरा प्रबंध नहीं कर सकी। ऐसे में उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के कई शहरों में 4 से 6 घंटे बिजली कटौती की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में कटौती ज्यादा की जा रही है। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से एसी कम चलाने और बिजली की बचत करने की अपील की है।

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उन्होंने अधिकारियों से बिजली की बचत के लिए लोगों को जागरूक करने की बात भी कही है। उन्होंने सरकारी विभागों में जरूरत नहीं होने पर बिजली के उपकरणों को बंद रखने की बात कही है। कोयले की कमी को देखत हुए राज्य सरकार के अधिकारी छत्तीसगढ़ जाएंगे। वहां जाकर अधिकारी कोयले की उपलब्धता और राज्य में भेजे जाने को लेकर मानिटरिंग करेंगे। केंद्रीय कोयला और उर्जा मंत्रालय से भी सरकार निरंतर संपर्क बना रही है। राज्य के उर्जामंत्री बी.डी.कल्ला ने केंद्र सरकार से राज्य को कोयले का आवंटित कोटा प्रतिदिन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। राज्य सरकार को प्रतिदिन 7 रैक कोयले की मिलनी चाहिए, लेकिन 5 रैक ही मिल रही है।

राज्य में प्रतिदिन 12,500 मेगावाट बिजली की मांग है, जबकि उत्पादन 8,500 मेगावाट का ही हो पा रहा है। राज्य के उर्जा सचिव भास्कर ए.सावंत ने बताया कि सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट की 250 मेगावाट की 5, छबड़ा थर्मल के 250 मेगावाट की 2 इकाईयों में बिजली उत्पादन कोयला नहीं मिलने के कारण बंद है। इस तरह तकनीकी कारणों से छबड़ा थर्मल की 660 और कालिसिंध थर्मल की 600 मेगावाट की एक-एक इकाई बंद है।

सांवत ने बताया कि कोल इंडिया से कोयला सही समय पर नहीं मिलने के कारण उत्पादन बंद है। अब तक रेलमार्ग से ही कोयले की रैक आती थी, लेकिन अब सड़क मार्ग से भी कोयला मंगवाना शुरू किया गया है। शुक्रवार को उर्जामंत्री और अधिकारियों ने केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ ही कोयला उपलब्ध कराने वाले संस्थानों से बात की है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा सुबोध अग्रवाल, जयपुर डिस्काम के एमडी नवीन अरोड़ा, जोधपुर डिस्काम, अजमेर डिस्काम के एमडी सहित ऊर्जा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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