हाईब्रिड फॉर्मूले पर अशोक गहलोत व सचिन पायलट का विवाद पहुंचा सोनिया गांधी के पास
Ashok Gehlot and Sachin Pilot. हाईब्रिड फॉर्मूले पर अशोक गहलोत व सचिन पायलट का विवाद सोनिया गांधी के पास पहुंच गया है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच स्थानीय निकाय चुनाव में महापौर व सभापति पद के लिए हाईब्रिड सिस्टम को लेकर चल रही तनातनी का मामला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास पहुंच गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे इस मसले पर गहलोत और पायलट के साथ प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करने के बाद सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपेंगे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अभियान से दिल्ली पहुंचे पांडे ने प्रदेश के नेताओं से टेलीफोन पर बात कर पूरे प्रकरण की जानकारी ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल भी सोमवार शाम जयपुर से दिल्ली गए और मंगलवार को उन्होंने पांडे व पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से चर्चा की।
उधर, सचिन पायलट ने मंगलवार को एक बार फिर कहा कि महापौर व सभापति का चुनाव हाईब्रिड सिस्टम से कराना ठीक नहीं है। पायलट ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि जिस व्यक्ति ने पार्षद का चुनाव नहीं लड़ा वो महापौर अथवा सभापति बन जाए। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में जन घोषणा-पत्र में प्रत्यक्ष चुनाव कराने का वादा किया था, लेकिन अब ऐसा नहीं करना गलत होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में पुर्निवचार करना चाहिए। मंत्रिमंडल की बैठक अथवा संगठन में इस पर चर्चा नहीं हुई है।
भरतपुर में पायलट ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। दरअसल, सीएम के खास चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने लोकदल के साथ मिलकर भरतपुर में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की बात सोमवार को सार्वजनिक रूप से कही थी। हालांकि राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने इस संभावना से इनकार किया था। गर्ग सीएम खास मंत्रियों में माने जाते हैं, विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से उन्हें टिकट नहीं मिल रहा था तो गहलोत ने राष्ट्रीय लोकदल से पार्टी का समझौता कराया और फिर गर्ग को टिकट दिलवाया था।
पायलट समर्थकों ने दिल्ली तक पहुंचाई अपनी बात
पायलट के खास प्रदेश के खाघमंत्री रमेश मीणा ने दिल्ली में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर हाईब्रिड फार्मूले पर अपना पक्ष रखा। मीणा के अलावा परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री भंवर लाल मेघवाल और सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना भी अगले दो दिन में दिल्ली जाकर अपना पक्ष रखेंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईडवा पिछले दिनों सोनिया गांधी से मिल चुके हैं। पायलट समर्थक सरकार के इस निर्णय को बदलवाने को लेकर दबाव बना रहे हैं। उधर, मुख्यमंत्री खेमे से जुड़े नेता भी दिल्ली जाने की तैयारी में जुटे हैं। सूत्रों के मुताबिक, गहलोत और पायलट के बीच चल रहे विवाद को लेकर मंगलवार को अविनाश पांडे और केसी वेणुगोपाल के बीच मंत्रणा हुई।
जानें, क्या है हाईब्रिड फार्मूला
स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी राज्य सरकार ने हाल ही में बड़ा निर्णय लेते हुए यह तय किया है कि निकाय प्रमुख यानि नगरपालिका अध्यक्ष, नगर परिषद सभापति और नगर निगम का महापौर बनने के लिए पार्षद होना अनिवार्य नहीं होगा। इस हाईब्रिड फार्मूले के होने के बाद अब पार्षद का चुनाव ना लड़ने वाला और पार्षद का चुनाव हारने वाला प्रत्याशी भी निकाय प्रमुख बन सकेगा।