Ashok Gahlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- मैं अंतिम सांस तक आप लोगों की सेवा करता रहूंगा
Ashok Gahlot मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को बीकानेर में कहा कि मैं कहीं भी रहूं राजस्थान का हूं जोधपुर का हूं जहां मैं पैदा हुआ हूं। मैं उससे कैसे दूर हो सकता हूं। जिंदगी के अंतिम सांस तक कहीं भी रहूं सेवा करता रहूंगा।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Congress Ashok Gahlot: राजस्थान कांग्रेस में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को बीकानेर में कहा कि मैं कहीं भी रहूं, राजस्थान का हूं, जोधपुर का हूं, जहां मैं पैदा हुआ हूं। मैं उससे कैसे दूर हो सकता हूं। जिंदगी के अंतिम सांस तक कहीं भी रहूं, सेवा करता रहूंगा। जो कहता हूं, उसके कुछ मायने होते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे राजस्थान छोड़कर नहीं जा रहे हैं। उनकी इस बात को सीएम पद से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल, पार्टी नेताओं का एक खेमा गहलोत पर सीएम पद छोड़ने को लेकर दबाव बना रहा है। गहलोत ने लोगों से कहा कि बार-बार सरकार बदल देते हो, मेरे अच्छे काम होते हैं। तब भी आप हवा में बह जाते हो। एक बार कर्मचारी मेरे विरोध में हो गए थे हमारी बातचीत नहीं हो सकी थी।
उन्होंने गांठ बांध ली, हमने गलती मान ली, अगर हमारी बातचीत होती तो हम चुनाव नहीं हारते। एक बार देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर माहौल बनने के कारण हमारी सरकार बदल दी गई। उन्होंने कहा, मैं लोगों से अपील करता हूं कि एक मौका और दें। उन्होंने यहां जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता का उद्धाटन किया।
कांग्रेस विधायक ने साधा निशाना
कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के.सी.वेणुगोपाल ने नेताओं को बयानबाजी नहीं करने के लिए कहा है। इसको लेकर गाइडलाइन जारी की गई है। लेकिन फिर भी कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने शनिवार को ट्वीट कर कहा,मुट्ठी भर बाजरे के लिए दिल्ली की बादशाहत खो दी।
गहलोत मुख्यमंत्री रह भी जाते तो कोई बात नहीं होगी, क्योंकि वे तीन बार इस पद पर रह चुके हैं। अपने तीन वफादार लोगों की नादानी की वजह से उन्होंने दिल्ली की बादशाहत खो दी । कांग्रेस अध्यक्ष का पद खो दिया। दिव्या ने कहा,गहलोत ने खुद कहा था कि हर गलती कीमत मांगती है। उनके तीन वफादार लोगों की नादानी की कीमत पूरा राजस्थान और जोधपुर चुकाएगा । तीन बहुत खास माने जाने वाले लोगों की भारी गलतियों की कीमत अध्यक्ष पद खोकर चुकाई। इसका मुझे भारी दुख है।
उल्लेखनीय है कि संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल,मुख्य सचेतक महेश जोशी और पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ पर विधायक दल की बैठक के समानांतर विधायकों की बैठक करने के आरोप लग रहे हैं। तीनों को नोटिस भी दिया गया है।