पुलिस के अभेद्य किले में आसाराम समर्थकों ने मारी सेंध, आधा दर्जन हिरासत में
आसाराम समर्थकों ने पुलिस द्वारा तैयार किए गए अभेद्य सुरक्षा किले में सेंध मारते हुए शहर में प्रवेश कर ही लिया।
जागरण संवाददाता, जयपुर। आसाराम और उसके सेवादारों को बुधवार को जोधपुर जेल में विशेष कोर्ट ने सजा सुनाई। आसाराम मामले की सुनवाई को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार, प्रदेश में सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। जोधपुर में 21 अप्रैल से ही धारा 144 लागू करते हुए शहर के प्रमुख मार्गों पर बेरिकेटिंग करा दी गई थी। शहर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक वाहन को चेक करने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा था। होटल और धर्मशालाओं में प्रत्येक चार घंटे में पुलिस टीम चेक कर रही थी। जोधपुर स्थित आसाराम के दोनों आश्रम सोमवार को ही खाली करा लिए गए थे।
रेलवे और बस स्टैंड पर पिछले तीन दिन से पुलिस भारी पुलिस बल तैनात था, लेकिन फिर भी आसाराम समर्थकों ने पुलिस द्वारा तैयार किए गए अभेद सुरक्षा किले में सेंध मारते हुए शहर में प्रवेश कर ही लिया। हालांकि पुलिस की सख्ती के चलते अधिक समर्थक तो शहर में प्रवेश नहीं कर सके, लेकिन करीब दो दर्जन महिला भक्त मंगलवार को ही जोधपुर पहुंच गई थी। वे शहर में अपने-अपने परिचितों के घरों में रुकी और बुधवार सुबह आसाराम के अाश्रम में पहुंच गईं। वहीं, आधा दर्जन समर्थक बुधवार सुबह शहर में पहुंचे, इनमें से चार को रेलवे स्टेशन पर ही पकड़ लिया गया, वहीं दो को एक होटल से पकड़ा गया, जबकि एक समर्थक पुलिस को चकमा देते हुए सेंट्रल जेल तक पहुंच गया। बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। रेलवे स्टेशन पर हिरासत में लिए गए चार लोग गुजरात के बताए जाते हैं।
वहीं, सेंट्रल जेल तक पहुंचा समर्थक राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले का बताया जाता है। होटल में पकड़े गए दो लोग हरियाणा के बताए जा रहे हैं। आश्रम में पहुंची महिला भक्त बुधवार सुबह 6 बजे से ही शांति जप करने में लग गई थी। ये भक्त आपस में एक-दूसरे से बात भी नहीं कर रही थी। आसराम को उम्र कैद की सजा सुनाए जाने की जानकारी मिलने के बाद कुछ महिलाएं रोने लगी। पुलिस ने दोनों आश्रमों के बाहर दो दिन से हथियारबंद पुलिस बल तैनात कर रखा था। सेंट्रल जेल और आसाराम के आश्रमों पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही थी। शहर में आपीएस स्तर के 6 अधिकारी, एक दर्जन आरपीएस अधिकारी और दो हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। सीआरपीएफ की दो कंपनी रिजर्व रखी गई थी।
जज की सुरक्षा बढ़ाई
आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाने वाले जज मधुसूदन शर्मा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उनके आवास के बाहर आधा दर्जन पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, उन्हें एक बंदूकधारी पुलिसकर्मी सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराया गया है। बुधवार सुबह पुलिस की सुरक्षा के बीच शर्मा की गाड़ी को सेंट्रल जेल तक लाया गया और फिर सुरक्षा में ही उन्हें आवास तक भेजा गया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार 30 अप्रैल तक शर्मा को सुरक्षा जारी रहेगी। इसके बाद आगे के हालात को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा ।
शिल्पी और शरद के परिजन भी पहुंचे
आसाराम मामले के सह आरोपित शिल्पी और शरद के कुछ रिश्तेदार भी कोर्ट का फैसला सुनने जोधपुर पहुंचे। कोर्ट द्वारा दोनों को 20-20 साल की सजा सुनाए जाने के बाद रिश्तेदारों ने वकीलों के साथ हाईकोर्ट में अपील करने को लेकर विचार-विमर्श किया। उल्लेखनीय है कि शिल्पी पर आरोप है कि छिंदवाड़ा आश्रम में बने गुरुकुल की वार्डन शिल्पी ने पीड़िता और उसके परिजनों को भूत-प्रेत का भय दिखाकर इलाज आसाम से कराने के लिए प्रेरित किया। वहीं, शरद पर आरोप है कि उसने पीड़िता की कथित बीमारी का इलाज नहीं कराया। पूरी रात अनुष्ठान कराया और आसाराम को ही एकमात्र उपचारकर्ता मानने को मजबूर कर दिया।