Rajasthan: लाॅकडाउन के दौरान शराबबंदी ने बढ़ाया अवैध शराब का कारोबार, कई गिरफ्तार
Lockdown जयपुर शहर की पुलिस पिछले 15 दिनों में अलग अलग थाना क्षेत्रों में कार्रवाई करते हुए दो दर्जन से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।
जयपुर, राज्य ब्यूरो। Lockdown: लाॅकडाउन के दौरान शराबबंदी के चलते अवैध शराब का कारोबार तेज हो गया है। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में हथकढ़ शराब और अवैध शराब के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। अकेले जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में पिछले 15 दिन में 101 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
राजस्थान में लाॅकडाउन के दौरान जहां अन्य अपराधों में काफी कमी आई है, वहीं शराब की तस्करी और हथकढ़ शराब का काम तेज हो गया है। पुलिस हर रोज कहीं ने कहीं छापे मारकर अवैध शराब का कारोबार पकड़ रही है। जयपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में शराब माफिया होम डिलीवरी के साथ ऑनलाइन शराब सप्लाई करने की कोशिश कर रहे हैं। जयपुर शहर की पुलिस पिछले 15 दिनों में अलग अलग थाना क्षेत्रों में कार्रवाई करते हुए दो दर्जन से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। 29 अप्रैल को पुलिस ने विद्याधर नगर क्षेत्र में कार्रवाई के दौरान एक आरोपित को ब्यूटी पॉर्लर सैलून की आड़ में अपने विश्वसनीय ग्राहकों को शराब सप्लाई करते गिरफ्तार किया है।
शहरी क्षेत्र में जहां शराब की अवैध सप्लाई और तस्करी के मामले सामने आए है, वहीं ग्रामीण इलाकों मे शराब तस्करी के साथ ही हथकढ़ शराब का कारोबार फैल रहा है। लॉकडाउन के दौरान जयपुर ग्रामीण पुलिस ने अवैध शराब के मामले में पिछले 25 दिनों में 101 से अधिक मुकदमें दर्ज कर 114 से ज्यादा आरोपितों को गिरफ्तार किया है। अब तक करीब 70 लाख रुपयों की अवैध शराब जब्त कि जा चुकी है। वहीं, 34 हजार लीटर कच्ची शराब नष्ट करते हुए शराब की 55 भट्टियां नष्ट की गई हैं। शराब माफियाओं द्वारा शराब परिवहन के लिए उपयोग में लिए जा रहे 23 वाहन भी अब तक जब्त किए गए हैं। आबकारी विभाग ने भी पिछले दिनों में 11 मामले दर्ज कर छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
अवैध और हथकढ़ शराब के बढ़ते कारोबार को देखते हुए अब राजस्थान मे शराबबंदी खत्म करने की मांग भी जोर पकड़ रही है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक विधायक भरत सिंह और भाजपा के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने सरकार से मांग की है कि शाराब का कारोबार फिर शुरू कराया जाए, क्योंकि लोग अवैध और हथकढ़ शराब पीकर बीमार हो रहे हैं और हथकढ़ शराब जानलेवा साबित हो सकती है। इन नेताओं का कहना है कि सरकार शराब की दुकानें शुरू कराए, ताकि लोगों के जीवन को खतरा न हो और सरकार की आय भी बढ़।गौरतलब है कि शराब राजस्थान में सरकार की आय का दूसरा बड़ा जरिया है और इससे करीब एक हजार करोड़ रुपये की आय होती है।