आनंदपाल एनकाउंटर मामला:हिंसा में 1 की मौत,35 घायल
जयपुर-नागौर,नागौर-चूरू राजमार्ग पर भी उग्र भीड़ ने कब्जा कर लिया था जो गुरूवार को भी जारी रहा। कई स्थानों पर आगजनी भी की गई थी।
जयपुर, [जागरण संवाददाता] । राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच को लेकर गुरूवार को दूसरे दिन भी प्रदेश में बवाल मचा रहा। प्रदेश के दो जिलों नागौर और चूरू में हालात काबू से बाहर होते जा रहे है।
बुधवार रात पुलिस और राजपूत समाज के लोगों के बीच कई स्थानों पर संघर्ष हुआ दोनों तरफ से फायरिंग भी हुई। पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में हरियाणा के रोहतक निवासी लालचंद की मौत हो गई,वह वाहन का ड्राइवर था। दो तरफ से हुई फायरिंग में 35 लोग घायल हुए थे,इनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है। घायलों में 25 पुलिसकर्मी और 10 राजपूत समाज के लोग है।
आनंदपाल के पैतृक गांव सांवराद में सरकार द्वारा बुधवार आधी रात बाद कफ्र्यू लगाए जाने की घोषणा के बावजूद गुरूवार को भी सैंकडों लोग जमा है,पास के ही डीडवाना सहित आसपास के अन्य क्षेत्रों में भी राजपूत समाज के लोगों ने गुरूवार को भी हंगामा किया,कई बार इनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई। प्रशासन ने चूरू एवं नागौर के आधा दर्जन से अधिक क्षेत्रों में धारा 144 लागू करने के साथ ही नागौर,चूरू,बीकानेर एवं सीकर जिलों में इंटरनेट सेवा अगले 24 घंटों के लिए बंद कर दी गई है।
गुरूवार को सरकार ने साफ कहा है कि आनंदपाल एनकाउंटर मामले की जांच किसी भी हालत में सीबीआई को नही सौंपी जाएगी। गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत में कहा कि पुलिस ने सही काम किया,अपराधी की कोई जाति नहीं होती,एनकाउंटर पूरी तरह से सही था। राज्य सरकार सीबीआई को जांच नहीं सौंपेगी,आनंदपाल के परिजन या राजपूत समाज चाहे तो कोर्ट से सीबीआई जांच के आदेश करा ले इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है।
राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा 24 घंटे में आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार किए जाने के आदेश के बारे में कहा कि सरकार की ओर से गुरूवार को एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को आनंदपाल के परिजनों से बातचीत के लिए भेजा गया है। परिजन यदि 24 घंटे में अंतिम संस्कार नहीं करते है तो पुलिस शव का अंतिम संस्कार करा देगी। पुलिस ने बुधवार देर रात से गुरूवार सुबह तक आधा दर्जन राजपूत नेताओं को हिरासत में लिया है। इनमें लोकेन्द्र सिंह कालवी,गिरिराज सिंह लोटवाड़ा,पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढा, पूर्व विधायक रणवीर गुढ़ा,राधेश्याम सिंह तंवर एवं सुखदेव सिंह गोगामेड़ी शामिल है। इन नेताओं पर बुधवार को सांवराद गांव में हुई सभा में भडकाऊ भाषण देने के आरोप है।
आरोप है कि इन नेताओं के कारण ही बुधवार रात भीड़ उग्र हुई और फिर पुलिस के साथ संघर्ष हुआ। उल्लेखनीय है कि 24 जून को चूरू जिले के मालासर में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में आनंदपाल सिंहमारा गया था,तभी से परिजन और राजपूत समाज उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे। गुरूवार को 19 दिन बाद भी परिजन और राजपूत समाज सीबीआई जांच की मांग पूरी होने तक अंतिम संस्कार की मांग पर अड़े रहे,हालांकि मानवाधिकार आयोग के निर्देश और फिर पुलिस की सख्ती के चलते इनका रूख थोड़ा नरम दिखाई देने लगा है।
बुधवार को सांवराद गांव में हुई राजपूत समाज की सभा में नेताओं के भड़काऊ भाषणों के बाद देर रात भीड़ उग्र हो गई थी। भीड़ का पुलिस के साथ कई बार संघर्ष भी हुआ। उग्र भीड़ ने नागौर के जिला पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख की कार पर हमला कर आग लगाने के साथ ही उनके गैनमैन की एक-47 छीनकर भाग गए। कार में सवार देशमुख सहित अन्य पुलिसकर्मी जान बचाने बाहर भागे तो उनके साथ मारपीट की गई।
एक अन्य स्थान पर दो पुलिसकर्मियों की रायफल छीनने के साथ ही लाठियां और आंसूगैस के गोले भी छीने गए। ये आंसू गैस के गोले पुलिस पर चलाए गए। उग्र भीड़ ने डीडवाना और सांवराद में रेलवे ट्रेक उखाड़ने के साथ ही रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की। जयपुर-नागौर,नागौर-चूरू राजमार्ग पर भी उग्र भीड़ ने कब्जा कर लिया था जो गुरूवार को भी जारी रहा। कई स्थानों पर आगजनी भी की गई थी।