नवजात बच्ची को गला घोंटकर मारने की कोशिश, फिर भी बच गई
राजस्थान के चूरू में दो घंटे की नवजात बच्ची को गला घोंटकर मारने की कोशिश और बाद में उसे प्लास्टिक की थैली में बंद कर के फेंकने का मामला सामने आया है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। जाको राखे साइयां, मार सके न कोय, यह बात नवजात बच्ची पर लागू होती है। इसके साथ ही बच्चियों के प्रति हमारे समाज का नजरिया कैसा है, वह भी सामने आता है। राजस्थान के चूरू में दो घंटे की नवजात बच्ची को गला घोंटकर मारने की कोशिश और बाद में उसे प्लास्टिक की थैली में बंद कर के फेंकने का मामला सामने आया है। हालांकि मौत को हरा कर बच्ची फिर भी बच गई। थैली में बंद बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। बच्ची का भरतीया अस्पताल के एफबीएनसी वार्ड में उपचार चल रहा है।
ऑटो चालक ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी
जानकारी के अनुसार घटना रविवार को सुबह हुई। सुबह करीब साढ़े सात बजे एक ऑटो चालक सड़क से गुजर रहा था तो रास्ते में नवजात बच्ची को रोते हुए देखकर वह रुक गया और कुछ अन्य लोग भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल ने बाल कल्याण समिति को जानकारी देकर बच्ची को नवजात गृह में रखने के लिए कहा है।
बच्ची के गले और छाती पर नाखूनों के निशान
चिकित्सकों के अनुसार नवजात अब स्वस्थ है और उसका वजन करीबन 3 किलो है। नवजात के गले और छाती पर नाखूनों के निशान मिले हैं। इससे जाहिर हो रहा है कि पहले उसे गला घोंटकर मारने की कोशिश की गई थी। बाद में संभवतया मरा हुआ समझकर ही परिजन थैली में डालकर फेंक गए।