अलवर के मूक-बधिर नाबालिग मामले की सीबीआई जांच के लिए सिफारिश केन्द्र को भेजी गई
बेटी के साथ हुए दुष्कर्म की पीड़ा झेल रहे पिता ने बताया कि हम दोनों पति-पत्नी दूसरे के खेतों में मजदूरी करने के लिए जाते हैं। मजदूरी कर के ही तीन बच्चों को पढ़ाते हैं। घटना के दिन सबसे बड़ीतीसरे नम्बर की बेटी और बेटा स्कूल चले गए थे
जागरण संवाददाता,जयपुर। राजस्थान के अलवर में मूक-बधिर नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश का पत्र सोमवार को केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेज दिया गया है। राजस्थान सरकार के गृह सचिव अभय कुमार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की अधिसूचना और आवश्यक दस्तावेज भेजे हैं। रविवार को ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की सीबीआई से जांच करवाने की घोषणा की थी । अब केन्द्र सरकार को तय करना है कि वह इस मामले को सीबीआई जांच के योग्य मानती है या नहीं । इस बारे में फैसला होने में कुछ वक्त लग सकता है । उधर पुलिस की जांच जारी है। हालांकि सातवें दिन भी आरोपित पुलिस की पकड़ से बाहर है।
अलवर जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि प्रत्येक पहलू को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। पहले नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्म नहीं होने की बात कही थी । लेकिन यह निष्कर्ष नहीं था । उन्होंने कहा कि दुष्कर्म की आशंका से इनकार नहीं किया गया है। इस बीच नाबालिग के पिता और चाचा ने कहा कि सीबीआई की जांच में उनकी बेटी को इंसाफ मिल सकता है।
पुलिस तो सात दिन में भी आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। उन्होंने कहा कि पुलिस पहले तो दुष्कर्म मानने से ही इनकार कर रही थी । पीड़िता का जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचार चल रहा है। यहां उसके माता-पिता हैं। उधर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कई मण्डलों में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया ।
पिता ने बताई पीड़ा
बेटी के साथ हुए दुष्कर्म की पीड़ा झेल रहे पिता ने बताया कि हम दोनों पति-पत्नी दूसरे के खेतों में मजदूरी करने के लिए जाते हैं। मजदूरी कर के ही तीन बच्चों को पढ़ाते हैं। डेढ़ लाख का कर्ज है। घटना के दिन सबसे बड़ी,तीसरे नम्बर की बेटी और बेटा स्कूल चले गए थे। पीड़िता अकेली घर में थी। पीड़िता दोपहर तक पड़ोसी के घर में थी । इसके बाद वह अकेली वहां से निकल गई। मजदूरी कर के घर पहुंचे तो पीड़िता घर में नहीं मिली । रात तक खोजा,बाद में पता चला कि वह उसके साथ गलत काम हुआ है ।
आटो रिक्शा चालक ने पुलिस में दिया बयान
नाबालिग को आटो से छोड़ने वाले चालक राजू यादव ने पुलिस को बताया कि घटना के दिन मंगलवार रात करीब एक बजे का समय था । वह आटो में 13 सवारियां लेकर रेलवे स्टेशन से निकला था। पीड़िता उसे सड़क किनारे खड़ी दिखी । उसने हाथ इस इशारा किया तो राजू ने आटो रोक दिया । करीब 20 किलोमीटर दूर जाकर पीड़िता आटो से उतर गई। राजू ने बताया कि वह रात के समय आटो चलाता है। उल्लेखनीय है कि पीड़िता के आटो में बैठने की बात सामने आई थी।उसके बाद वह कैसे तिजारा पुलिया पर पहुंची इस बात की जांच की जा रही है।