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राजस्थान का कोई ड्राइवर कश्मीर नहीं जाएगा, ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने किया एलान

ट्रक चालकों और खलासी की कश्मीर में नृशंस हत्या के खिलाफ ट्रक यूनियनों ने तय किया है कि ना तो कश्मीर ट्रक जाएगा और ना ही वहां से माल लाएगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 28 Oct 2019 09:24 AM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 09:24 AM (IST)
राजस्थान का कोई ड्राइवर कश्मीर नहीं जाएगा, ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने किया एलान
राजस्थान का कोई ड्राइवर कश्मीर नहीं जाएगा, ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने किया एलान

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। दस दिन में राजस्थान के दो ट्रक ड्राइवरों और एक खलासी की कश्मीर के शोपिंया में आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद राजस्थान की सभी ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने प्रदेश से एक भी ट्रक कश्मीर नहीं भेजने का निर्णय लिया है। ट्रक यूनियनों ने तय किया है कि ना तो कश्मीर ट्रक जाएगा और ना ही वहां से माल लाएगा।

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उधर आतंकवादी हमले में मारे गए अलवर जिला निवासी ट्रक ड्राइवर मोहम्मद इलियास और भरतपुर निवासी खलासी जाहिद के शव शुक्रवार देर रात को उनके गांव पहुंचे, लेकिन परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया। इस पर प्रशासन ने स्थानीय अस्पताल की मोर्चरी में शव रखवाए गए। इलियास के परिवार के साथ ही मेव समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए।

मेव समाज ने अलवर और भरतपुर जिलों में शनिवार को महापंचायत कर आतंकवादियों की गोली के शिकार हुए ट्रक ड्राइवर इलियास एवं खलासी जाहिद के परिजनों को 50 लाख के मुआवजे,10 बीघा खेती की जमीन,दोनों मृतक की पत्नी को विधवा पेंशन और एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग की। मांग नहीं माने जाने पर अलवर-भिवाड़ी-दिल्ली मेगा हाइवे जाम करने की चेतावनी दी गई। हालांकि देर शाम इलियास और जाहिद के परिजनों एवं दोनों जिला प्रशासन के बीच समझौता हो गया।

समझौते के अनुसार इलियास के परिजनों को सरकार कुल साढ़े छह लाख रुपये देगी। इसमें दो लाख रुपये राज्य सरकार,चार लाख रूपए केंद्र सरकार और 50 हजार जम्मू-कश्मीर रेडक्रास सोसायटी देगी। चार लाख रुपये मेव समाज एकत्रित कर इलियास के परिजनों को देगा। उसकी विधवा पत्नी को आंगनबाड़ी केंद्र में नौकरी दी जाएगी। वहीं जाहिद के परिजनों के साथ समझौते अनुसार सरकार ने आठ लाख रुपये देने की घोषणा की। इनमें 5 लाख केंद्र सरकार और ढ़ाई लाख राज्य सरकार के साथ ही 50 हजार जम्मू-कश्मीर रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा दिए जाएंगे। मुआवजे की घोषणा के बाद परिजनों ने दोनों मृतकों के शव ले लिए।

मेव समाज और ट्रक यूनियान की बैठक

मेव समाज के लोगों की अलवर के महरपुर में महापंचायत हुई,जिसमें तय किया गया कि अब समाज का कोई ड्राइवर अब ट्रक लेकर कश्मीर नहीं जाएगा। प्रदेश के मेवात इलाके के करीब 250 ड्राइवर नियमित रूप से ट्रक लेकर कश्मीर आते-जाते रहते हैं। मेव पंचायत के अध्यक्ष शेर खान का कहना है कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार बाहरी ट्रक चालकों को सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रही है। आतंकवादियों के साथ ही स्थानीय लोग भी बाहरी लोगों को निशाना बना रहे हैं।

ट्रक ऑपरेटरों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से आतंकवादियों की गोली के शिकार हुए ट्रक चालकों को शहीद का दर्जा देने और उनके परिवार को सरकारी नौकरी तथा मुआवजा देने की मांग की है। जयपुर ट्रक व ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल सिंह ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो ट्रकों की हड़ताल की जा सकती है।

गोपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश की सभी ट्रक यूनियनों की बैठक में यह तय किया गया कि जब तक केन्द्र सरकार उनके ट्रकों के चालकों और परिचालकों को सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराएगी तब तक वे जम्मू कश्मीर का कोई माल हम नहीं उठाएंगे, जिन ट्रक चालकों और खलासी की कश्मीर में नृशंस हत्या की गई उसके खिलाफ जनआंदोलन किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि दस दिन में प्रदेश के मेवात इलाके के दो ड्राइवरों और एक खलासी की कश्मीर के शोपिंया में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। इनमें अलवर जिले के खोहाबास निवासी ट्रक चालक इलियास खान और भरतपुर के पहाड़ी इलाके के पापड़ा गांव निवासी परिचालक जाहिद खान की कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों गुरुवार देर रात को गोली मारकर हत्या कर दी थी। दोनों ट्रक से कश्मीर में आर्मी के लिए दूध लेकर गए और वापसी में सेब लेकर आ रहे थे। इससे पहले भरतपुर जिले के उभाका गांव निवासी ट्रक चालक शरीफ खान की शोपियां में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। 


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