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Triple Talaq Bill: ट्रिपल तलाक बिल के पास होने के बाद मुस्लिम बहनों ने ली भाजपा की सदस्यता

Triple Talaq Bill passed ट्रिपल तलाक बिल के राज्यसभा में पास होने के बाद जोधपुर में मुस्लिम महिलाओं ने ली भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 11:09 AM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 11:09 AM (IST)
Triple Talaq Bill:  ट्रिपल तलाक बिल के पास होने के बाद मुस्लिम बहनों ने ली भाजपा की सदस्यता
Triple Talaq Bill: ट्रिपल तलाक बिल के पास होने के बाद मुस्लिम बहनों ने ली भाजपा की सदस्यता

जोधपुर, रंजन दवे। ट्रिपल तलाक बिल के राज्यसभा में पास होने के बाद जोधपुर में मुस्लिम महिलाओं ने ली भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता। मुस्लिम महिलाये बहन समीना, सिमरन, अब्दुल मुनाफ भाजपा के जिला कार्यलय पहुचें और जिलाध्यक्ष जगत नारायण जोशी की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

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जिलाध्यक्ष जगत नारायण जोशी ने कहा कि देश भले ही 1947 मे आजाद हुआ,लेकिन मुस्लिम बहनों के लिए सही मायने की आजादी आज ही है, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।आज का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा।

जोशी ने सभी भाजपा के नवागन्तुक सदस्यों का दुप्पटा पहना कर स्वागत किया। इस मौके पर मुस्लिम बहनों ने देश के प्रधानमंत्री को अपना भाई मानकर उनका आभार व धन्यवाद ज्ञापित किया । 

जानकारी हो कि राज्यसभा में मंगलवार को तीन तालाक बिल पास हो गया। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेश किया। इस बिल पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय दिया गया था। वहीं भाजपा ने इस बिल पर अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था। जदयू, एआईएडीएमके और टीआरएस समेत अन्य दलों के वॉकआउट से राज्यसभा में बिल को पास कराने के लिए मोदी सरकार की राह आसान हो गई। इस दौरान सदन में पर्ची के द्वारा वोटिंग कराई गई। पक्ष में 99 और विरोध में 84 वोट पड़े।

बिल पर वोटिंग से पहले इसको सेलेक्ट कमिटी के पास भेजने का प्रस्ताव भी 100 के मुकाबले 84 वोटों से गिरा। इस बिल के पास होने के साथ ही सरकार ने साबित किया कि उच्च सदन में उसने इस बिल के लिए खासी तैयारी कर रखी थी। अब यह बिल अंतिम मुहर के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मुहर लगते  ही यह बिल कानून बन जाएगा।   

बता दें कि इस बिल में तुरंत तीन तलाक को संज्ञेय अपराध मानने का प्रावधान है। यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है। इसके अलावा बिल में तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। आरोपी को  मजिस्ट्रेट जमानत दे सकता है। जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा। पीड़ित महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है। पीड़ित महिला पति से गुजारा भत्ते का दावा कर सकती है।

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