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Rajasthan: गरीबों के गेहूं पर डालते रहे डाका, अब पैसा जमा नहीं कराया तो दर्ज होगी एफआइआर

Rajasthan उदयपुर की जिला रसद अधिकारी ज्योति ककवानी ने बताया कि जिले में तीन हजार 412 सरकारी कर्मचारियों के परिवार के 13 हजार 683 सदस्य लंबे समय तक जरूरतमंदों के हिस्से का खाद्य सुरक्षा योजना में गेहूं का उठाव कर रहे थे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 08:53 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 08:53 PM (IST)
Rajasthan: गरीबों के गेहूं पर डालते रहे डाका, अब पैसा जमा नहीं कराया तो दर्ज होगी एफआइआर
गरीबों के गेहूं पर डालते रहे डाका, अब पैसा जमा नहीं कराया तो दर्ज होगी एफआइआर। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में तीन हजार 412 सरकारी कर्मचारियों के परिवार के 13 हजार 683 सदस्य लंबे समय से गरीबों को बांटने के लिए भेजा गया गेहूं पर डाका डालते रहे। विभाग को पता चला तो अब इसका हिसाब मांगा जा रहा है। विभाग ने इन लोगों को नोटिस जारी करते हुए उनसे उठाए गेहूं का पैसा 15 जनवरी तक जमा कराने को कहा है। साथ ही, चेतावनी दी है कि यदि वह ऐसा नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। उदयपुर की जिला रसद अधिकारी ज्योति ककवानी ने बताया कि जिले में तीन हजार 412 सरकारी कर्मचारियों के परिवार के 13 हजार 683 सदस्य लंबे समय तक जरूरतमंदों के हिस्से का खाद्य सुरक्षा योजना में गेहूं का उठाव कर रहे थे।

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इनके खिलाफ 15 जनवरी तक वसूली किए जाने के निर्देश दिए हैं। इनमें गिर्वा उपखंड क्षेत्र के 422 परिवार के एक हजार 688 सदस्य, गोगुन्दा उपखंड क्षेत्र के 139 परिवार के 556 सदस्य, वल्लभनगर उपखंड क्षेत्र के 240 परिवार के 960 सदस्य, सलुम्बर उपखंड क्षेत्र के 120 परिवार के 480 सदस्य, लसाडिया उपखंड क्षेत्र के 160 परिवार के 640 सदस्य, झाड़ोल उपखंड क्षेत्र के 228 परिवार के 912 सदस्य, मावली उपखंड क्षेत्र में 210 परिवार के 827 सदस्य, खेरवाड़ा उपखंड क्षेत्र के 1035 परिवार के 4 हजार 140 सदस्य, सराड़ा उपखंड क्षेत्र के 486 परिवार के 1 हजार 944 सदस्य, कोटड़ा उपखंड क्षेत्र के 48 परिवार के 240 सदस्य, बड़गांव उपखंड क्षेत्र के 281 परिवार के 1 हजार 124 सदस्य तथा ऋषभदेव उपखंड क्षेत्र के 43 परिवार के 172 सदस्य शामिल हैं।

27 रुपये प्रति किलो के दर से होगी वसूली

ककवानी ने बताया कि ऐसे सरकारी कर्मचारियों से प्राप्त किए गए गेहूं के विरुद्ध भारतीय खाद्य निगम की ईकोनोमिक लागत व विभागीय खर्चों के आधार पर राशि 27 रुपये प्रतिकिलो की दर से वसूली की जाएगी। उन्होेंने बताया कि यदि किसी सरकारी कर्मचारी के घर में छह सदस्य हैं, उसने प्रति व्यक्ति पांच किलो के हिसाब से 30 किलो गेहूं डीलर से हर महीने उठाया है तो उस कर्मचारी को 30 किलो गेहूं के एवज में 810 रुपये प्रतिमाह की दर से जमा कराने होंगे।

15 जनवरी के बाद एफआइआर दर्ज होगी

उन्होंने बताया कि जिन सरकारी कर्मचारियों ने अब तक यह राशि राजकोष में जमा नहीं कराई है, वे 15 जनवरी तक तक यह राशि जमा करवा सकते हैं। इस अवधि के बाद राशि जमा नहीं करवाने वाले अधिकारी-कार्मिक के विरुद्ध विधिक (एफआइआर) तथा विभागीय कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विभाग ने सर्वे करवाकर प्रदेश में 64 हजार 607 सरकारी कर्मचारियों को चिह्नित किया था, जो लंबे समय से डीलर से गेहूं उठा रहे हैं। नियमानुसार ये लोग राशन का गेहूं उठाने के पात्र नहीं हैं। कोविड के मद्देनजर सरकार ने जरूरतमंदों को प्रति व्यक्ति पांच किलो व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनांतर्गत पांच किलो अतिरिक्त यानि कुल दस किलो गेहूं मुफ्त देने का नवंबर, 2020 तक प्रावधान कर रखा है। विभाग द्वारा कराए गए सर्वे के पश्चात उन सरकारी कर्मचारियों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से विच्छेद भी किए गए हैं तथा उपयोग में लिए गए गेहूं की राशि जमा कराने के लिए नोटिस भी तामील कराए गए हैं। 


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