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Jaipur Literature Festival 2020: घाटे की चिंता मत कीजिए, खुल करें खर्चः अभिजीत बनर्जी

Jaipur Literature Festival 2020 भिजीत बनर्जी का कहना है कि भारत में सरकारों को घाटे की चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि खुल कर खर्च कर करना चाहिए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 03:25 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 03:25 PM (IST)
Jaipur Literature Festival 2020: घाटे की चिंता मत कीजिए, खुल करें खर्चः अभिजीत बनर्जी

जयपुर, जेएनएन। Jaipur Literature Festival 2020: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थषास्त्री अभिजीत बनर्जी का कहना है कि भारत में सरकारों को घाटे की चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि खुल कर खर्च कर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीबों को छोटे कर्ज देने के बजाए कोई छोटी संपत्ति और उसका आय बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करने का प्रोत्साहन दीजिए। यह ज्यादा काम करेगा।

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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में रविवार को “पुअर इकोनोमिक्स-फाइटिंग ग्लोबल पावर्टी“ विषय पर आयोजित सत्र में पत्रकार श्रीनिवासन जैन से बातचीत के दौरान अभिजीत बनर्जी ने कहा कि हम सरकारी घाटे को कभी पूरा नहीं कर सकते। इसलिए इसकी चिंता किए बिना ज्यादा से ज्यादा खर्च करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीबों को छोटे कर्ज देने के बजाए उन्हें गाय, बकरियां जैसी छोटी संपत्ति देनी चाहिए और इस बात के लिए प्रेात्साहित करना चाहिए कि वे इसका अपनी आय बढ़ाने के लिए उपयोग करे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि बच्चों को सही समय पर सही शिक्षा दी जाए। अभी हम सिर्फ सिलेबस पूरा करने पर ध्यान देते है, जबकि अक्सर यह सिलेबस उनके काम का नहीं होता।

बनर्जी ने कहा कि अथाॅरिटी सिर्फ एक भ्रम है। एक व्यक्ति सब कुछ सही नहीं कर सकता। विकेंद्रीकरण बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई मायनों में चीन में हमारे यहां से ज्यादा विकेंद्रीकरण है। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि मैं रिजर्व बैंक का गर्वनर नहीं बनना चाहता, क्योंकि उसके लिए मैक्रो इकोनोमिक्स का काम जरूरी है, जबकि मैं दूसरे क्षेत्र में काम करता हूं। उन्होंने कहा कि हो सकताा है मैं शायद यहां होता तो नोबेल नहीं ले पाता। मुझे यह मिला, क्योंकि मैं कुछ बेहतरीन लोगों के साथ काम कर रहा हूं और उनके सहयोग से हो यह हो पाया। लेकिन भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। हमें बेहतर वातारण, लोगों का साथ और संस्थान चाहिए। 

अर्थव्यवस्था में सुधार के कुछ संकेत दिख रहे हैं

सत्र के बाद मीडिया से बातचीत में अभिजीत बनर्जी ने कहा कि पिछले दो माह में आंकड़ों से अर्थव्यवस्था में सुधार के कुछ संकेत दिख रहे हैं, लेेकिन यह कब तक रहेगा, यह नहीं कहा जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश में एक मजबूत विपक्ष की कमी है। विपक्ष बंटा हुआ है। इसलिए सरकार पर दबाव नहीं बना पा रहा है। सरकार सही ढंग से काम करे, इसके लिए दबाव जरूरी है और इसके लिए विपक्ष का मजबूत होना जरूरी है। देश में कोई जिम्मेदारी संभालने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं अभी अपना काम नहीं छोड़ रहा हूं। हालांकि यदि कोई सलाह मुझ से ली जाएगी तो मैं जरूर दूंगा। उन्होंने कहा कि हम विभिन्न राज्य सरकारों के साथ काम कर रहे हैं।

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