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Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 9981 नए मामले और सात लोगों की मौत

Coronavirus राजस्थान में सबसे ज्यादा 2785 संक्रमित जयपुर जिले में मिले हैं। जयपुर और सीकर में दो-दो बाड़मेर झुंझुनूं और नागौर में एक-एक मौत हुई है। राज्य के सभी 33 जिले कोरोना महामारी की तीसरी लहर की चपेट में आ गए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 09:03 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 09:03 PM (IST)
Coronavirus: राजस्थान में कोरोना के 9981 नए मामले और सात लोगों की मौत
राजस्थान में कोरोना के 9981 नए मामले और सात लोगों की मौत

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में बृहस्पतिवार को कोरोना के 9881 संक्रमित मिलने के साथ ही सात लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा 2,785 संक्रमित जयपुर जिले में मिले हैं। जयपुर और सीकर में दो-दो, बाड़मेर, झुंझुनूं और नागौर में एक-एक मौत हुई है। राज्य के सभी 33 जिले कोरोना महामारी की तीसरी लहर की चपेट में आ गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में पाजिटिव केस और मौत करीब नौ माह बाद हुई है। दूसरी लहर में एक दिन में दस हजार तक संक्रमित मिले थे। इसी बीच, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 17 तारीख से शुरू होने वाली प्रायोगिक परीक्षाएं अगले आदेश तक टाल दी हैं। शिक्षा मंत्री डा. बीडी कल्ला ने बताया कि राज्य के 25 जिले रेड़ जोन में आने के कारण परीक्षाएं टाली गई हैं। सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंंदिर अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।

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कोरोना के चलते ये मंदिर आम लोगों के लिए हुए बंद

श्रीश्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष शंभू सिंह चौहान ने बताया कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर मंदिर बंद करने का निर्णय लिया गया है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भी आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। तेजी से फैल रहे संक्रमण को देखते हुए सरकार ने चिकित्सा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया है। सभी जिलों के अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में आक्सीजन प्लांट्स लगवाए जा रहे हैं। चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि राज्य में 473 आक्सीजन प्लांट्स शुरू हो गए हैं। अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की गई है। इसी बीच, 15 से 18 साल तक के 23 लाख 60 हजार 115 किशोरों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है।

कम वैक्सीनेशन के चलते डूंगरपुर का सीएमएचओ एपीओ

उदयपुर, संवाद सूत्र। राज्य सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच डूंगरपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेश शर्मा को एपीओ कर दिया है। इसका कारण कोरोना टीकाकरण में कमी बताया जा रहा है, हालांकि डूंगरपुर राज्य में टीकाकरण के मामले में अन्य पांच जिलों से आगे चल रहा है। ऐसे में सीएमएचओ को एपीओ किए जाने को राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। चर्चा है कि निदेशक डॉ. केके शर्मा को हटाने के बाद एक-एक कर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के नजदीकी पदाधिकारियों को हटाया जा रहा है। डॉ. राजेश शर्मा को भी रघु शर्मा का करीबी बताया जा रहा है।

इतने फीसद लगी डोज

चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की ओर से शासन उप सचिव नरेश कुमार सोगानी की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि डूंगरपुर जिले में कोविड टीकाकरण की प्रगति संतोषप्रद नहीं रही है। दिनांक दस जनवरी तक जनसंख्या के विरुद्ध प्रथम डोज 85.5 फीसद तथा द्वितीय डोज 70.3 फीसद लगाई गई है। जो राज्य की औसत से काफी कम है। जनवरी के प्रथम दस दिन में 12.9 फीसद की प्रगति देखी गई। ऐसे में मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डा. राजेश शर्मा को तत्काल प्रभाव से पदस्थापन आदेश कीश् प्रतीक्षा में किया जाता है। आदेश में कहा गया कि वह अपनी उपस्थिति निदेशालय में देंगे। विभाग ने सागवाड़ा के खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पंकज खाट के डूंगरपुर के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी का अतिरिक्त पदभार आगामी आदेश तक सौंपा है।

डूंगरपुर से कम टीकाकरण अन्य पांच जिलों में, पर कार्रवाई नहीं

चिकित्सा विभाग ने डूंगरपुर जिले से कम टीकाकरण वाले अन्य पांच जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। यह चर्चा में बना हुआ है। राजनीतिज्ञ बता रहे हैं कि यह सब पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के नजदीकी अधिकारियों का हटाने की नीति के शिकार हुए हैं। इससे पहले पब्लिक हैल्थ के निदेशक डॉ. केके शर्मा को हटाया जा चुका है। अब अन्य अधिकारियों की बारी है। उल्लेखनीय है कि डूंगरपुर से जिन जिलों में कम वैक्सीनेशन हुआ है, उनमें जालौर, भरतपुर, दौसा, करौली तथा धौलपुर जिले शामिल हैं।


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