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राजस्थान में हर रोज कलेक्टरों को बनवाने होंगे 4365 मकान

सरकार ने कलेक्टरों को 31 जनवरी तक लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं और यह लक्ष्य पूरा करने के लिए पूरे राज्य में हर रोज 4365 मकान बनवाने होंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 09:19 AM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 09:19 AM (IST)
राजस्थान में हर रोज कलेक्टरों को बनवाने होंगे 4365 मकान
राजस्थान में हर रोज कलेक्टरों को बनवाने होंगे 4365 मकान

जयपुर, ब्यूरो।  राजस्थान में सरकार के कई बार निर्देश दिए जाने के बावजूद प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बनाए जाने वाले मकानों का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। अब सरकार ने कलेक्टरों को 31 जनवरी तक लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं और यह लक्ष्य पूरा करने के लिए पूरे राज्य में हर रोज 4365 मकान बनवाने होंगे। 

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राजस्थान में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत एक लाख 78 हजार 965 मकानों का निर्माण अटका हुआ है। केंद्र व राजस्थान सरकार इन मकानों के निर्माण को पूरा करने के लिए कलेक्टरों को कई बार निर्देश और अंतिम चेतावनियां दे चुकी हैं। पिछली बार इन्हें दिसंबर 2018 तक लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन हाल में जब समीक्षा की गई तो 35 दिन में सिर्फ 17.9 प्रतिशत ही काम हो पाया है।

अब राजस्थान ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव राजेश्वर सिंह ने सभी जिला कलेक्टरों को हर हाल में 31 जनवरी तक सभी मकानों का निर्माण कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।

यह लक्ष्य पूरा करने के लिए राजस्थान में हर रोज 4365 मकानों का निर्माण कराना होगा। हालांकि हर जिले का लक्ष्य अलग है। इस मामले में सबसे खराब प्रदर्शन बाड़मेर जिले का है। वहां हर रोज 608 मकान बनाने का लक्ष्य है, वहीं सबसे अच्छी स्थिति झुंझुनूं जिले की है जहां कलेक्टर को हर रोज सिर्फ दो मकानों का निर्माण पूरा कराना है।

राजनीतिक दबाव भी

ग्रामीण आवास योजना को लेकर अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव भी है। यह केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। प्रदेश में भाजपा सरकार ने इसे विधानसभा चुनाव में अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया था। अब लोकसभा के चुनाव होने हैं।

हालांकि राज्य में अब कांग्रेस की सरकार आ गई है, लेकिन चूंकि मामला सीधे व्यक्तिगत लाभ से जुड़ा है, इसलिए स्थानीय स्तर के कांग्रेस नेता भी योजना के लक्ष्य पूरे करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाए हुए हैं।


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