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Rajasthan: सार्वजनिक वितरण प्रणाली में महिलाओं को 30 फीसद आरक्षण

Public Distribution System राजस्थान में अब महिलाओं को सशक्त करने के लिहाज राज्य में अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के आउटलेट्स में उन्हें 30 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। कुल आउटलेट्स में से 30 फीसद महिलाओं को आवंटित किए जाएंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 04:39 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 04:39 PM (IST)
Rajasthan: सार्वजनिक वितरण प्रणाली में महिलाओं को 30 फीसद आरक्षण
राजस्थान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में महिलाओं को 30 फीसद आरक्षण।

जागरण संवाददाता, जयपुर। Public Distribution System: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाया है। महिलाओं को सशक्त करने के लिहाज राज्य में अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के आउटलेट्स में उन्हें 30 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। कुल आउटलेट्स में से 30 फीसद महिलाओं को आवंटित किए जाएंगे। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के नए आउटलेट (पीडीएस) में इस प्रावधान को लागू किया जाएगा। सीएम अशोक गहलोत ने खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही सीएम गहलोत ने सहयोग-उपहार योजना में 11 करोड़ का अतिरिक्त बजट भी मंजूर किया है।

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सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग की इस योजना के तहत बेटी के विवाह पर जरूरतमंद परिवार को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना में जरूरतमंद परिवार को बेटी की शादी में 21 से 31 हजार रुपये की सहायता देने का प्रावधान है। इसमें बीपीएल, अन्त्योदय, आस्था कार्डधारी परिवार, विशेष योग्यजन व्यक्तियों, पालनहार योजना की लाभार्थी और महिला खिलाड़ियों सहित आर्थिक दृष्टि से कमजोर विधवा महिलाओं की 18 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र की पुत्रियों के विवाह पर हथलेवा राशि के रूप में 21 हजार से लेकर 31 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना के अनुसार, 10वीं कक्षा उत्तीर्ण पुत्री के विवाह पर 10 हजार रुपये और स्नातक उत्तीर्ण पुत्री के विवाह पर 20 हजार अतिरिक्त सहायता दी जाती है। 

गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस शासित राज्यों में सबसे पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार कदम उठाने की कोशिश कर रही है। गहलोत सरकार केंद्रीय कृषि कानूनों कों प्रदेश में हूबहू लागू नहीं करना चाहती है। गहलोत सरकार केंद्र के कानूनों में संशोधन करने या इन्हें लागू ही नहीं करने को लेकर विधि व कृषि विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर रही है।


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