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राजस्थान : काॅलेज में शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके में हुआ बदलाव, हल करने होंगे प्रश्न पत्र

काॅलेज शिक्षक अपने विषय में न सिर्फ खुद को अपडेट करेंगे बल्कि पढ़ाने का तरीका भी कोचिंग कक्षाओं का जैसा बनाएंगे।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 05:15 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 05:15 PM (IST)
राजस्थान : काॅलेज में शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके में हुआ बदलाव, हल करने होंगे प्रश्न पत्र
राजस्थान : काॅलेज में शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके में हुआ बदलाव, हल करने होंगे प्रश्न पत्र

जयपुर [मनीष गोधा]। राजस्थान में काॅलेज छात्रों को काॅलेज में ही प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग जैसी पढाई मिल सके, इसके लिए अब शिक्षकों के पढाने के तरीके में बदलाव किया जा रहा है। इस बदलाव के लिए एक अनूठी योजना शुरू की गई है। योजना के तहत सरकारी काॅलेज शिक्षकों को उनके विषय से जुड़ा एक प्रश्नपत्र भेजा गया है। यह प्रश्नपत्र काॅलेज शिक्षकों को दस दिन में अपनी हैंडराइटिंग में हल करके देना है। इसके जरिए काॅलेज शिक्षक अपने विषय में न सिर्फ खुद को अपडेट करेंगे, बल्कि पढ़ाने का तरीका भी कोचिंग कक्षाओं का जैसा बनाएंगे।

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काॅलेजों में अक्सर शिक्षक अपने विषय से जुडा सैद्धांतिक ज्ञान ही देते है। संघ लोक सेवा आयेाग, राज्य लोक सेवा आयोग, नेट, स्लेट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्रों को कोचिंग कक्षाओं में जाना पड़ता है। इसके चलते अक्सर छात्र काॅलेजों से गायब भी रहते हैं और उनका पूरा ध्यान कोचिंग कक्षाओं की ओर रहता है। राजस्थान में काॅलेज शिक्षा विभाग ने इसी दोहरी व्यवस्था को खत्म करने के लिए “वेक अप“ (वी अस्पायर टू नाॅलेज एन्हांसमेंट एंड अपडेटिंग पैडागाॅजी) योजना शुरू की है।

काॅलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप बोरड ने इस बारे में सभी काॅलेज शिक्षकों को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है छात्रों को काॅलेज में ही इस ढंग से पढाया जा सकता है कि उन्हें कोचिंग जाने की जरूरत नहीं पड़े। इसके लिए शिक्षकों को अपने विषय में अपडेट होना और पढ़ाने के तरीके में बदलाव करना जरूरी है। इसी उददेश्य से यह योजना लागू की गई है।

ऐसा है प्रश्नपत्र

शिक्षकों को उनके ही विषय से जुड़ा प्रश्नपत्र भेजा गया है। इसमें उनके विषय से जुड़े ऐसे सवाल हैं जो हाल के वर्षो में नेट, स्लेट, सिविल सेवा आदि परीक्षआों में पूछे गए है। कुल 27 प्रश्न हैं। दो प्रश्न सबके लिए समान हैं। इनमें से एक में यह पूछा गया है कि काॅलेज में पढाई और अन्य गतिविधियों को रूचिकर कैसे बनाया जा सकता है और छात्रों में जाॅय ऑफ गिविंग की प्रवृत्ति कैसे बढाई जा सकती है, वहीं दूसरे सवाल में यह पूछा गया है कि आपके विषय में पिछले पांच वर्ष में किस किस को और क्यों नोबेल पुरस्कार दिया गया। योजना के नोडल अधिकारी पंकज गुप्ता कहते हैं कि शिक्षकों को जो प्रश्नपत्र भेजे जा रहे हैं, उन्हें हल करने के लिए उन्हें विषय में अपडेट होना होगा और भविष्य में छात्रों को पढ़ाते समय वे ऐसे सवालों को ध्यान में रखते हुए ही पढ़ाई कराएंगे। हर विषय की दस सर्वश्रेष्ठ उत्तर पुस्तिकाओं को माॅडल के रूप में विभाग की वेबसाइट पर ड़ाला जाएगा, ताकि अन्य शिक्षकों को व छात्रों को उससे कुछ सीखने का मौका मिले। यह गतिविधि आगे भी जारी रहेगी।


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