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Rajasthan: रेगिस्तान में तेल की धार से सरकार को मिले तीन हजार करोड़

Barmer Oil. बाड़मेर में निकल रहे तेल से राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 3 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिला है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 01:40 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 01:40 PM (IST)
Rajasthan: रेगिस्तान में तेल की धार से सरकार को मिले तीन हजार करोड़

जयपुर, जागरण संवाददाता। Barmer Oil. राजस्थान के रेगिस्तानी जिले बाड़मेर में निकल रहा तेल राज्य सरकार को मालामाल कर रहा है। सरकारी खजाना भरने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। बाड़मेर में निकल रहे तेल से राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 3 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। सरकार को उम्मीद है कि अगले साल छह हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिल जाएगा। 

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वहीं, तय लक्ष्य के मुताबिक अक्टूबर,2022 में रिफाइनरी बनकर तैयार होने पर सरकार को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्रतिवर्ष मिलेगा। राज्य के पेट्रोलियम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाड़मेर में वर्तमान में प्रतिदिन 1.75 लाख बैरल तेल निकल रहा है। अगले साल यह लक्ष्य तीन लाख बैरल प्रतिदिन का रखा गया है। सरकार को उम्मीद है कि रिफाइनरी लगने के बाद करीब 6 लाख बैरल प्रतिदिन तेल निकाला जा सकेगा। रिफाइनरी लगने के बाद सरकार को 10 हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष राजस्व के रूप में मिलेंगे। रिफाइनरी राज्य सरकार के लिए राजस्व हासिल करने का बड़ा माध्यम होगी।

एचपीसीएल के प्रबंध निदेशक एमके सुराणा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कंपनी के साथ मिलकर बाड़मेर में लगाई जा रही रिफाइनरी का एक चौथाई काम प्रगति पर है। करीब 20 हजार करोड़ रुपये के कार्यों की निविदा जारी हो चुकी और करीब तीन हजार करोड़ रुपये अब तक खर्च हो चुके हैं। वर्तमान में प्रोजेक्ट पर 3800 लोगों को काम मिला हुआ है। रिफाइनरी का काम पूरा होने पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से करबी 35 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर यहां भी

पेट्रोलियम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 2013-14 तक बाड़मेर में निकलने वाले तेल से सरकार को पांच से साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिलता था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में लगातार आई गिरावट के कारण यहां मिलने वाले राजस्व में भी कमी आई है। साल 2016-17 में 2264.75 करोड़, 2017-18 में 2501.38 करोड़ का राजस्व मिला था। मौजूदा तेल उत्पादन के साथ ही अब बाड़मेर-सांचौर बेसिन में 11 नए ब्लॉक में तेल की खोज का काम चल रहा है। अधिकारियों का मानना है कि बाड़मेर के मंगला तेल क्षेत्र जैसी सफलता बाड़मेर-सांचौर बेसिन में भी मिलती है तो सरकार के साथ ही स्थानीय लोग भी मालामाल हो जाएंगे।

राज्य के पेट्रोलयम व खान मंत्री प्रमोद जैन का कहना है कि आगामी कुछ ही सालों में बाड़मेर बॉम्बे हाई को पछाड़ते हुए देश का सबसे बड़ा तेल उत्पादक क्षेत्र बन जाएगा। राजस्थान के रेगिस्तान में दबे तेल के भंडार के साथ ही गैस भी प्रचुर मात्रा में मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है। बीकानेर में तेल की खोज का काम शीघ्र शुरू किया जाएगा। बाड़मेर में निकल रहे तेल के कारण स्थानीय लोगों के समक्ष भी रोजगार के अवसर पैदा हुआ है। यहां के लोगों को काफी रोजगार मिला है।

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