Heavy Rains Rajasthan: भारी बारिश से अस्तव्यस्त हुए राजस्थान के पांच जिले, सीएम गहलोत ने किया हवाई सर्वे
Heavy Rains Rajasthan भारी बारिश से अस्तव्यस्त हुए राजस्थान में सोमवार को बारिश का दौर थमने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली ।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में सोमवार को बारिश का दौर थमने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली । हालांकि लागातार दो दिन हुई बारिश और मध्यप्रदेश में भारी बारिश के बाद वहां से बहकर आए पानी से प्रदेश के झालावाड़,कोटा,बारां और चित्तोड़गढ़ जिलों में अभी भी हालात खराब है। सबसे ज्यादा कोटा की स्थिति खराब है।
कोटा में चंबल नदी से छोड़े गए पानी के कारण शहर की 30 कॉलोनियों के साथ ही करीब तीन दर्जन गांवों में छह से दस फीट तक पानी भर गया। लोगों के घर टूट गए। सेना के 100 जवानों और एनडीआरएफ की दो टीमों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। लोगों को सिविल डिफेंस के माध्यम से भोजन वितरित कराया गया है।
रविवार शाम से लेकर सोमवार दोपहर तक पांच हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। गांधी सागर से छोड़ा जा रहा पानी भी कोटा बैराज में आ रहा है। पानी की निकासी के लिए कोटा बैराज बांध के 19 गेट खोले गए है।
कोटा जिले के दो दर्जन गांवों एवं शहर की पांच कॉलोनियों में बिजली की आपूर्ति ठप्प है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को भारी बारिश से प्रभावित कोटा,बारां,धौलपुर और झालावाड़ का हवाई सर्वे किया। गहलोत ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी टेलिफोन पर बात की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी अपने संसदीय क्षेत्र कोटा पहुंचे और सोमवार को दिनभर भारी बारिश में बेघर हुए लोगों से मुलाकात करते रहे।
उन्होंने अधिकारियों को बेघर हुए लोगों को शीघ्र आवास की सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आपदा राहत मंत्री भंवरलाल मेघवाल और सचिव पी.के.गोयल को हालात नियंत्रित नहीं होने तक कोटा में ही रहने के निर्देश दिए है। बांसवाड़ा जिले के कुछ इलाकों में भारी बारिश के कारण नुकसान हुआ है।
स्कूली बच्चों को घर तक पहुंचाया
चित्तोड़गढ़ जिले में बारिश का दौर थमने के बाद करीब 30 घंटे तक स्कूल में फंसे रहे 350 बच्चों और 50 शिक्षकों एवं अन्य स्टाफकर्मियों को उनके घर पहुंचाया गया। क्षेत्रीय सांसद सी.पी.जोशी अधिकारियों के साथ भैसोंरगढ़ के उस स्कूल में पहुंचे जहां शनिवार से बच्चे और शिक्षक भारी बारिश के कारण फंसे हुए थे। जोशी ने अपनी देखरेख में बच्चों को उनके घर तक पहुंचाया। चंबल का पानी छोड़े जाने से धौलपुर और सवाई माधोपुर जिलों के दो दर्जन गांवों में हालात बिगड़े है। इन गांवों का आपस में संपर्क कट गया। ग्रामीणों को प्रशासन की तरफ से राहत सामग्री पहुंचाई गई है।
गहलोत बोले,40 प्रतिशत अधिक बारिश हुई
सीएम गहलोत ने कोटा में हवाई सर्वे करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश के पांच-छह जिलों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्र में सामान्य से 40 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। सरकार हालात पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के सीएम कमलाथ से टेलिफोन पर बात हुई है। दोनों राज्यों के बीच समन्वय से राहत कार्य चलाए जा रहे है। प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों में कोई कमी नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा का ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का ध्यान रखें।बिरला राजस्थान के हिस्से की सहायता राशि केंद्र सरकार से दिलाने में मदद करे। वर्तमान में केंद्र सरकार का राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिल पा रहा है,आगामी दिनों में क्या हालात होंगे इसका भी कोई अंदाजा नहीं है।