आरक्षण तब तक जारी रहे जब तक इसकी जरूरत है: संघ
RSS. दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संघ का स्पष्ट मानना है कि मंदिरों श्मशानों और जलाशय सभी के लिए खुले होना चाहिए किसी भी जाति विशेष के लिए प्रतिबंधित नहीं होना चाहिए।
पुष्कर (राजस्थान), प्रेट्र। आरक्षण को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के बयानों पर अक्सर बवाल पैदा होता रहा है, लेकिन इस बार बड़ी सतर्कता से सधा बयान आया है। संघ ने कहा कि आरक्षण इसलिए जरूरी है, क्योंकि समाज में सामाजिक व आर्थिक असमानता है। यह तब तक जारी रहना चाहिए जब तक कि उसके लाभग्राही इसकी जरूरत महसूस करें।
राजस्थान के पुष्कर में संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक के अंतिम दिन सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने यह बात कही। होसबोले ने कहा कि संघ का स्पष्ट मानना है कि मंदिरों, श्मशानों और जलाशय सभी के लिए खुले होना चाहिए, किसी भी जाति विशेष के लिए प्रतिबंधित नहीं होना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि संविधान में आरक्षण का अधिकार दिया गया है और हम उसका पूरी तरह समर्थन करते हैं। उनसे पूछा गया था कि क्या आरएसएस सोचता है कि आरक्षण अनिश्चितकाल तक लगातार जारी नहीं रहना चाहिए? होसबोले ने कहा, इसका फैसला सिस्टम के लाभग्राहियों को करना है।
एक अजा संगठन ने भागवत के बयान की प्रशंसा की थी
होसबोले ने कहा कि जब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने समाज में भेदभाव खत्म करने को लेकर अपना मत स्पष्ट किया था, तब एक अजा संगठन ने पत्र लिखकर उनकी तारीफ की थी। गौरतलब है कि भागवत ने हाल ही में सुझाव दिया था कि आरक्षण को लेकर उसका लाभ पाने वालों व नहीं पाने वालों के बीच सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में बहस होना चाहिए। होसबोले ने कहा कि संघ की समन्वय समिति की बैठक के एजेंडा में आरक्षण मुद्दा नहीं था और उस पर कोई बात नहीं हुई।
एनआरसी की गड़बडि़यां दूर करने के बाद ही आगे बढ़ें
संघ ने यह भी कहा है कि असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची में कुछ गड़बडि़यां हैं। सरकार उन्हें दूर करने के बाद ही इस दिशा में आगे कदम बढ़ाए। उत्तर-पूर्वी राज्यों के प्रभारी भाजपा महासचिव राम माधव ने इस बैठक के पहले दिन एनआरसी को लेकर रिपोर्ट पेश की थी। सूत्रों ने बताया था कि अंतिम सूची में बाहर किए गए नामों में से अधिकांश हिंदू होने से चिंता जताई गई। सोमवार को होसबोले ने कहा कि एनआरसी का मसला जटिल है। कई अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के नाम मतदाता सूची में हैं। 35 से 40 लाख अवैध प्रवासी असम में बस गए हैं। उन्हें पिछली सरकार के दौरान वैध दस्तावेज जारी कर दिए गए। इससे पूरा मामला और जटिल हो गया है।
मोदी के 100 दिन के काम की तारीफ
संवाद सूत्र, पुष्कर। आरएसएस सह सरकार्यवाह दत्तात्रय होसबोले ने मोदी सरकार के 100 दिन के भीतर हुए कार्यो को भी संतोषजनक बताया। केंद्र सरकार के कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह उस क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण था। उन्मादी भीड़ की हिंसा पर उन्होंने कहा कि समाज में हिंसा के किसी भी प्रयास का संघ समर्थन नहीं करता है।