भूख से 4 दिन में 150 गायों की मौत, मृतक गायों को गौशाला के गहरे गड्डे में दफनाया गया
जयपुर की हिंगोनिया गौशाला एक बार फिर गायों की कब्रगाह बनती जा रही है । चारा नहीं मिलने के कारण पिछले 4 दिन में 150 से अधिक गायों ने दम तोड़ दिया।
जयपुर, जागरण संवाददाता। जयपुर की हिंगोनिया गौशाला एक बार फिर गायों की कब्रगाह बनती जा रही है । चारा नहीं मिलने के कारण पिछले 4 दिन में 150 से अधिक गायों ने दम तोड़ दिया। भूख से मरी गायों को गौशाला में एक गहरे गड्डे में दफना दिया गया। मामला सार्वजनिक होने के बाद गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने रिपोर्ट मांगी है। पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में इसी हिंगोनिया गौशाला में करीब एक हजार गायों की मौत हुई थी। उसके बाद तत्कालीन सरकार ने गौशाला के प्रबंधन की जिम्मेदारी अक्ष्रय पात्र संस्थान को सौंपी थी,लेकिन अब यह संस्थान भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है ।
नगर निगम निगम नहीं दे रहा चारे के पैसे
गौशाला में चारे की कमी के चलते भूख से तड़पकर शुक्रवार को 5,गुरुवार को 80 और मंगलवार को 70 से गायों ने दम तोड़ दिया। गौशाला की देखरेख कर रहे श्रीकृष्ण बलराम सेवा ट्रस्ट अक्षय पात्र के पदाधिकारियों की मानें तो 6 फरवरी को नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर चारा नहीं होने की स्थिति से अवगत करा दिया था। लेकिन इसके बावजूद निगम प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
चार दिन में 150 से अधिक गायों की मौत के बाद अब निगम प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए लापरवाही बरतने के आरोप में प्रभारी राजेंद्र चित्तोड़िया और चिकित्सक डॉ. कमलेश मीना को सस्पेंड कर दिया और अतिरिक्त निगम आयुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई है। गौशाला के हालात देखने जब मिडियाकर्मी पहुंचे तो गौशाला में मृत गायों को एक गड्ढे में दबाया जा रहा था। वहीं पशु आहार के लिए बनाया गया चारे का गोदाम पूरी तरह खाली दिखाई दिया।
अक्षय पात्र के प्रतिनिधियों ने बताया कि यहां गोवंश के लिए प्रतिदिन 80 से 100 टन चारे की जरूरत होती है. लेकिन पिछले 4 दिन से यहां आपूर्ति ठप पड़ी है। हिंगोनिया गोशाला समन्वयक राधा प्रियदास ने बताया कि नगर निगम पर 12 करोड़ रुपए का बकाया है।
पैसा नहीं मिलने से गौशाला के संचालन में मुश्किल हो रही है। इस संबंध में महापौर से लेकर निगम आयुकत को शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है। उधर, नगर निगम में पशु नियंत्रण एवं संरक्षण समिति के अध्यक्ष नारायण नैनावत ने कहा कि निगम प्रशासन गौशाला की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से नहीं चला पा रहा था, यही कारण था कि राज्य सरकार ने यह जिम्मेदारी अक्षय पात्र को सौंपी थी। लेकिन अक्षय पात्र पूरी तरह से निगम के ऊपर निर्भर है।
मंत्री बोले,जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी
राज्य के परिवहन मंत्री और जयपुर के विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि गायों की मौत के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी,अक्षय पात्र की कहीं कमी रही तो उनसे भी बात की जाएगी।