महिलाओं की सुरक्षा के लिए मजबूत कानून की जरूरत
जब भी चुनाव आते है तो महिलाओं की वोट बटोरने के लिए सियासी पार्टियों के नेता तरह-तरह का प्रचार करते है। इन नेताओं के प्रचार से प्रभावित होकर वोट देने का समय अब खत्म हो चुका है। अब उसी पार्टी को वोट दिया जाएगा। जो महिलाओं के हितों व हकों की बात करेगा। यह कहना है ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी युवतियों का।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : जब भी चुनाव आते है तो महिलाओं की वोट बटोरने के लिए सियासी पार्टियों के नेता तरह-तरह का प्रचार करते है। इन नेताओं के प्रचार से प्रभावित होकर वोट देने का समय अब खत्म हो चुका है। अब उसी पार्टी को वोट दिया जाएगा। जो महिलाओं के हितों व हकों की बात करेगा। यह कहना है ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी युवतियों का।
कुलदीप कौर कहती है कि दुष्कर्म, घरेलू हिंसा का शिकार महिलाओं के लिए विशेष अदालत होनी चाहिए। आम तौर पर इंसाफ लेने के लिए महिलाओं को वकीलों के चक्कर काटने पड़ते है। राज कौर का कहना है कि प्रत्येक जिले में महिला थाना यकीनी बनाने का कानून होना चाहिए। महिला थाने में मुकम्मल तौर पर महिलाओं का स्टाफ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को सरपंच तो बना दिया जाता है, परंतु इन महिला सरपंचों को घरों की चारदीवारी से बाहर नहीं आने दिया जाता। जसमीत कौर कहती है कि लड़कियों की ग्रेजूएश्न तक पढ़ाई मुकम्मल तौर पर मुफ्त होनी चाहिए। प्रदेश में महिलाओं के लिए सरकारी नौैकरियों का कोटा 50 फीसद किया जाना चाहिए। लोगों को चाहिए कि किसी एक पार्टी की सरकार बनाए। लंगड़ी सरकार कभी भी अच्छी तरह से फैसले नहीं ले पाती। रूबी संधू कहती है कि महिलाओं को समाज में बराबरता का अधिकार नहीं मिल रहा। इस मामले में सभी सियासी पार्टिया केवल वोट ही बटोरती है। जगरूप कौर, राजवंत कौर का कहना है कि लोकसभा चुनाव में नशा बांटने, लालच देकर वोट बटोरने वालों का लिहाज नहीं होना चाहिए।