नियमों को ताक पर रखकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खुले शराब के ठेके
। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सीधा उल्लंघन करके राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब के ठेके खोले जा रहे हैं।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सीधा उल्लंघन करके राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब के ठेके खोले जा रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार पर शराब माफिया भारी पड़ रहा है।
जिले में कुल दस शराब के सर्कल हैं। तरनतारन में सर्कल एक व सर्कल दो है। जबकि भिखीविंड, झब्बाल, पट्टी, हरिके पत्तन, धूंदा, फतेहाबाद, कंग व नागोके को शराब का सर्कल बनाया गया है। विभाग द्वारा इस बार शराब के ठेके गुप्त ढंग से अलाट किए गए थे। कोरोना जब शुरू हुआ तो ठेकों की निलामी बंद कमरों में की गई। पुरानी राशि से आठ फीसद अधिक राशि देने वालों को ठेके अलाट करने की नीति अपनाई गई। सरकार ने जिले के कुल दस सर्कलों के ठेकों की निलामी के समय 46.58 करोड़ का राजस्व एकत्रित करने का लक्ष्य रखा। साथ ही आदेश जारी किए थे कि नियमों को ताक पर रखकर कोई ठेका नहीं चलेगा। लॉकडाउन के दौरान हुए घाटे को पूरा करने के लिए सरकार ने शराब कारोबारियों को ठेके खोलने के लिए किसी तरह रजामंद कर लिया। इसके बाद शराब माफिया की मनमर्जी शुरू हो गई। जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब ठेकेदार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की परवाह किए बिना ठेके खोल रहे हैं। जिला तरनतारन की हदबंदी में 35 किलोमीटर में राष्ट्रीय राजमार्ग होता है। इस मार्ग पर आधा दर्जन से अधिक शराब के ठेके खोल दिए गए हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक शराब का ठेका न तो राष्ट्रीय राजमार्ग पर खोला जा सकता है और न ही ठेके का मुंह राष्ट्रीय मार्ग की ओर होना चाहिए।
कस्बा बंडाला में डेढ़ माह पहले शराब का ठेका खोल दिया गया। इसी तरह होटल सिल्वर लीफ के बाहर ठेका खोल दिया गया है। इस ठेके के राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर दो दरवाजे रखे गए हैं। कस्बा सरहाली में भी राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर शराब का ठेका चलाया जा रहा है। यह ठेका थाना सरहाली के बिल्कुल सामने है। इसी तरह राष्ट्रीय मार्ग पर गांव जौणेके और गांव बूह में भी शराब कारोबारियों ने ठेके खोल दिए हैं।
राजनीतिक पहुंच के कारण प्रशासन है चुप
राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब के यह ठेके सत्तारूढ़ पार्टी से संबंधित समर्थकों के हैं। ज्यादातर कांग्रेस विधायकों ने अपने करीबियों को यह ठेके दिलवाए हैं। जिसके चलते प्रशासन के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी चुप हैं। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष गुरदेव सिंह लाखणा कहते हैं कि कैप्टन सरकार पर शराब माफिया भारी पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
एडवोकेट नवजोत कौर चब्बा कहती हैं कि पंजाब सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करबताया गया था कि राज्य भर में किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब का ठेका नहीं है। परंतु जिले की राष्ट्रीय मार्ग वाली हद में ठेके लगातार नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि धारा 340 के तहत सरकार को कठघरे में खड़ा किया जा सकता है, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सीधा उल्लंघन है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोई ठेका नहीं है
आबकारी विभाग के ईटीओ मदुर भाटिया का कहना है कि आबकारी नीति के तहत वर्ष 2020-21 के लिए ठेके 46.58 करोड़ में अलाट किए गए थे। ठेके अलाट करते यह आदेश जारी किए गए थे कि नियमों के विपरीत कोई ठेका नहीं होगा। समय-समय पर विभाग द्वारा जांच भी की जाती है। अब तक जांच में यह सामने नहीं आया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोई शराब का ठेका है। विभाग से तलब की जाएगी रिपोर्ट
डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह धूरी कहते हैं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब का ठेका नहीं खोला जा सकता और न ही शराब ठेके का मुंह राष्ट्रीय मार्ग की ओर रखा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर शराब के कितने ठेके खोले गए हैं और यह किसकी अनुमति से खोले गए हैं। इस बाबत संबंधित विभाग से रिपोर्ट तलब की जाएगी। इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।