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बांधों से पानी कम आने पर हरिके हेड व‌र्क्स पर जलस्तर घटा

ब्यास और सतलुज दरिया के संगम स्थल हरिके पत्तन में बांधों से पानी कम आने पर आने वाले दिनों में जलस्तर घट जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 11:27 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 11:27 PM (IST)
बांधों से पानी कम आने पर हरिके हेड व‌र्क्स पर जलस्तर घटा

धर्मबीर सिंह मल्हार, हरिके पत्तन (तरनतारन): ब्यास और सतलुज दरिया के संगम स्थल हरिके पत्तन में बांधों से पानी कम आने पर आने वाले दिनों में जलस्तर घट जाएगा। पौंग डेम, रावी दरिया और नंगल डैम से पानी की मात्रा कम हो चुकी है। हालांकि राजस्थान और फिरोजपुर फीडर को यहां से लगातार पानी दिया जा रहा है।

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करीब दस दिन से हेड व‌र्क्स से नहरों को 17 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है। राजस्थान फीडर को 5900 क्यूसिक पानी व फिरोजपुर फीडर को 9600 क्यूसिक पानी छोड़े जाने से हरिके हेड व‌र्क्स पर पानी की मात्रा कम हो रही है। हरिके हेड व‌र्क्स पर 19 हजार 618 क्यूसिक पानी की जरूरत होती है। परंतु यहां पर अब 16 हजार, 821 क्यूसिक पानी ही है। कुल मिलाकर करीब 3000 क्यूसिक पानी कम होना खतरे की घंटी है। सूत्रों की मानें तो दस दिनों के बीच पोंग डेम से आठ हजार क्यूसिक पानी, रावी दरिया से तीन हजार क्यूसिक पानी, नंगल डैम से पांच हजार क्यूसिक पानी ही हरिके हेड व‌र्क्स पहुंच रहा है। दस दिनों के दौरान पानी की आमद में गिरावट नजर आ रही है। लगातार चार दिन से देखी जा रही है डाल्फिन

गांव करमूवाला के क्षेत्र में पिछले वर्ष की तरह इस बार भी डाल्फिन देखी जा रही है। पिछले चार दिन से यह लगातार दिख रही है। कहा जा रहा है कि बर्ड सेंक्चुरी में स्वच्छ पर्यावरण के चलते डाल्फिन की आमद सात साल से आसान हो गई है। वर्ष 2013 में पहली बार यहां पर डाल्फिन देखी गई थी। इसकी संख्या में इजाफा होने की भी उम्मीद है। बताया जाता है कि यहां से छह से आठ डाल्फिन को लगातार चार दिन से देखा जा रहा है। डाल्फिन और घडि़यालों की संख्या जानने के लिए आज से शुरू होगा सर्वे

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की ओर से रविवार से विश्व प्रसिद्ध हरिके पत्तन बर्ड सेंक्चुरी का सर्वे करवाया जा रहा है ताकि पता चल सके कि यहां पर छोड़े गए घडि़यालों की संख्या में कितना इजाफा हुआ है। सर्वे में यह भी पता चलेगा कि नर और मादा घडि़यालों की संख्या में कितना इजाफा एक वर्ष में हुआ है। वन रेंज अधिकारी कमलजीत सिंह का कहना है कि एक सप्ताह में सर्वे मुकम्मल होने की उम्मीद है। इसमें सपष्ट होगा कि डाल्फिन और घडि़यालों की संख्या में कितना इजाफा हुआ है।


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