यहां का बच्चा-बच्चा कहता है, बड़ा होकर देश का सिपाही बनूंगा
तरनतारन का गांव पंडोरी सिधवा में बच्चे-बच्चे में देश का जज्बा कूट-कूट कर भरा है। यहां के कई जवान देश की रक्षा के लिए शहीद हो गए, इसके बाद भी सेना में भर्ती होने का जूनून है।
तरनतारन, [धर्मबीर सिंह मल्हार]। खेल में हो या मन की बात तरनतारन के गांव पंडोरी सिधवा का बच्चा-बच्चा कहता है कि वह बड़ा होकर देश का सिपाही बनेगा। यही कारण है कि युवा होने पर सेना में जाना यहां की परंपरा बन गई है। इस समय गांव के दो सौ नौजवान सेना में तैनात हैं। अगर कहा जाए कि प्रत्येक घर का सदस्य सैनिक है, तो गलत नहीं होगा। गांव की आबादी भी महज 2200 है।
तरनतारन के गांव पंडोरी सिधवा के 200 जवान भरतीय सेना में तैनात
कारगिल की चोटियों पर शहादत का जाम पीने वाले सैनिक दलजीत सिंह का बेटा कुलदीप सिंह भारतीय सेना में सैनिक है। अब कुलदीप सिंह का बेटा साहिलदीप सिंह भी सेना में जाने लिए तैयारी कर रहा है। फौज से सेवानिवृत्त हुए सूबेदार गुरमीत सिंह का बेटा बलजिंदर सिंह भी सैनिक है।
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पूर्व सैनिक अमरजीत सिंह का बेटा मनजिंदर सिंह हाल ही में सेना में भर्ती हुआ है। देश व कौम की सेवा का जज्बा गांव के युवाओं को खेल स्टेडियम में मिलता है। छुट्टी पर आए सैनिक गुरमेज सिंह व गुरदीप सिंह का कहना है कि सेना को देश पर गर्व तो है ही, परंतु यह गांव अपने आप में एक मिसाल है।
तिरंगे के समक्ष लेते हैं सेना में जाने की शपथ
स्वतंत्रता दिवस पर जब तिरंगा फहराया जाता है तो गांव के युवक सेना में जाने की शपथ लेते हैं। युवा अमृतपाल सिंह, अमरजीत सिंह, बिक्कर सिंह व प्रभदीप सिंह का कहना है कि उनकी दिली इच्छा सेना में जाकर देश सेवा करने की है।
सबकी चाहत बेटा फौजी बने
गांव की परमजीत कौर बताती हैं कि उनके ससुर मंगत सिंह सेना में थे। इसके बाद जेठ सेवा सिंह सैनिक बने और परमजीत कौर के पति दलबीर सिंह भी फौजी बन गए। हरनाम सिंह ने बताया कि उनका बड़ा बेटा साहिब सिंह सेना में भर्ती हुआ है।
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अब तमन्ना है कि छोटा बेटा गुरमेज सिंह भी फौज की वर्दी पहने। महिला सरवण कौर, अमरजीत कौर, हरनाम कौर, दलबीर कौर, बीबी कर्मी कहती हैं कि कारगिल की जंग में सैनिक कश्मीर सिंह ने जब अपने प्राणों की आहुति दी थी तो उस समय उनका बेटा दलजीत सिंह भी सेना में था।
गांव पर पूरे देश को मान: डॉ. अग्निहोत्री
हलका विधायक डॉ. धर्मबीर अग्निहोत्री का कहना है कि यह गांव पंजाब में ही नहीं, बल्कि देश के लिए रोल मॉडल है। इस गांव को मैं सलाम करता हुआ।