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बदल सकता है खडूर साहिब का सियासी समीकरण

खडूर साहिब : सामाजिक समरसता की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आर्थिक आधार पर 10 फीसद आरक्षण देने का फैसला आने वाले लोक सभा चुनावों में खडूर साहिब हलके के सियासी समीकरणों को मजबूत बना सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 12:35 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 12:35 AM (IST)
बदल सकता है खडूर साहिब का सियासी समीकरण
बदल सकता है खडूर साहिब का सियासी समीकरण

जागरण संवाददाता, खडूर साहिब : सामाजिक समरसता की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आर्थिक आधार पर 10 फीसद आरक्षण देने का फैसला आने वाले लोक सभा चुनावों में खडूर साहिब हलके के सियासी समीकरणों को मजबूत बना सकता है। आर्थिक आधार पर सवर्णो को दस फीसद आरक्षण से गरीब वर्ग के लोगों की दशा और दिशा में बदलाव आना यकीनी हो गया है।

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लोक सभा हलका खडूर साहिब की बात करें तो यहां पर शिअद भाजपा गठजोड़ का कब्जा है। हालाकि यहां के सांसद जत्थेदार रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा को 2014 में शिअद ने प्रत्याशी बनाया था। ब्रह्मपुरा ने कांग्रेसी प्रत्याशी हरमिंदर सिंह गिल को एक लाख, 569 मतों से पराजित किया था। हालाकि दिसंबर के मध्य में ब्रह्मपुरा ने अकाली दल टकसाली का गठन करके शिअद के खिलाफ सियासी लड़ाई का बिगुल बजाया था। लोक सभा हलका खडूर साहिब में वोटरों की संख्या 15,60,766 है। इस लोक सभा हलके में विधान सभा हलका तरनतारन के 180807, खेमकरन के 196104, पट्टी के 186594, खडूर साहिब के 190741, बाबा बकाला (रिजर्व) के 183379, कपूरथला के 141546, सुल्तानपुर लोधी के 139933, जंडियाला गुरु (रिजर्व) के 166198 व जीरा हलके के 175464 वोटर है। इनमें से गरीबी की रेखा से जुड़े सवर्णो का जिक्र करे तो पूरे लोक सभा हलके में ऐसे लोगों की संख्या 20 से 22 फीसद बनती है। सबसे अधिक सवर्णो की संख्या विधान सभा हलका खेमकरन, बाबा बकाला, जंडियाला गुरु, जीरा में मानी जाती है।

2017 में हुए विधान सभा चुनावों का जिक्र करे तो लोक सभा हलका खडूर साहिब की सभी सीटों तरनतारन, खेमकरन, पट्टी, खडूर साहिब, बाबा बकाला, कपूरथला, सुल्तानपुर लोधी, जंडियाला गुरु और जीरा हलकों पर मुकम्मल तौर पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है। देश की मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का जिक्र करे यां फिर प्रधान मंत्री की बढ़ रही लोकप्रियता पर चर्चा हो तो भाजपा और शिअद का गठजोड़ आने वाले लोक सभा चुनावों में पहले से अधिक मजबूत हो सकता है। राजनीतिक माहिरों की माने तो माझा, मालवा और दोआबा के आधारित लोक सभा हलका खडूर साहिब में जनरल कैटागिरी से संबंधित 20 से 22 फीसद वह लोग हैं। जो आर्थिक तौर पर गरीब हैं। इन लोगों को जाति के आधार पर सरकारी नौकरी और शिक्षक संस्थानों में दस फीसद का आरक्षण लोक सभा के आने वाले चुनावों में कांग्रेस पार्टी के गले की फांस बन सकता है।

देश में आर्थिक आधार पर सवर्णो को दस फीसद आरक्षण देने के फैसले का सीधा असर लोक सभा हलका खडूर साहिब में देखने को मिल सकता है। इस हलके में जनरल कैटागिरी से संबंधित उन लोगों की संख्या काफी है। जो मध्य व्यापार, छोटी दुकानदारी, निजी कंपनियों से जुड़े हुए है। इन लोगों को अपने बच्चों को अच्छी पढ़ाई दिलाने के लिए अब जूझना नहीं पड़ेगा।


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