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अब सिट करेगी शिअद-भाजपा के बीच हुई खूनी झड़प की जांच

तरनतारन : 10 फरवरी 2015 को नगर कौंसिल तरनतारन के चुनाव मौके एसडीएम कार्यालय में शिअद और भाजपा के बीच हुई खूनी भिडं़त की जांच लिए पंजाब सरकार ने दोबारा स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (सिट) बनाई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 01:26 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 01:26 AM (IST)
अब सिट करेगी शिअद-भाजपा के बीच हुई खूनी झड़प की जांच
अब सिट करेगी शिअद-भाजपा के बीच हुई खूनी झड़प की जांच

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : 10 फरवरी 2015 को नगर कौंसिल तरनतारन के चुनाव मौके एसडीएम कार्यालय में शिअद और भाजपा के बीच हुई खूनी भिडं़त की जांच लिए पंजाब सरकार ने दोबारा स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (सिट) बनाई है। इसमें अमृतसर के पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव, क्राइम विंग जोनल अमृतसर के एआइजी तेजिंदर सिंह मोड़, जालंधर जोनल के एआइजी सु¨रदरजीत सिंह मंड को शामिल किया गया है। सिट की उक्त टीम ने वीरवार को घटनास्थल का दौरा किया और दोनों पक्षों को बयान देने के लिए बुलाया।

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नगर कौंसिल के चुनाव मौके तरनतारन में शिअद और भाजपा दोनों एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। रिटर्निग अधिकारी-कम-एसडीएम तरनतारन के कार्यालय में चुनावी प्रक्रिया दौरान तत्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री अनिल जोशी के भाई पार्षद राजा जोशी पर शिअद के पार्षद बलजीत सिंह गिल द्वारा कथित तौर पर गोली चलाने का आरोप लगाया था। इस बीच हुई लड़ाई दौरान बलजीत सिंह गिल का हाथ टूट गया। पुलिस ने थाना सिटी में धारा 336 के तहत केस दर्ज किया। हालांकि बलजीत सिंह गिल की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। घटना के 2 दिन बाद स्थानीय निकाय मंत्री अनिल जोशी ने विधान सभा के सत्र का बायकॉट करने की धमकी दी। जोशी के साथ भाजपा की प्रदेश टीम भी सहमत थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के आदेश पर अमृतसर पुलिस कमिश्नर के नेतृत्व में सिट का गठन किया गया था। साथ ही थाना सिटी में दर्ज धारा 336 की एफआईआर को इरादतन हत्या (धारा 307) में बदल दिया गया। इस मुकदमें में शिअद पार्षद बलजीत सिंह गिल, सरबजीत सिंह लाली, यादविंदर सिंह यादू, युवा नेता राजेश सिंह ¨रकू, जगजीवन सिंह जग्गा और जगवंत सिंह एबी को नामजद किया गया। बलजीत सिंह गिल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अपने टूटे हाथ की मेडिकल रिपोर्ट पेश करके दावा किया कि लड़ाई दौरान भाजपाइयों द्वारा मुझ पर गोली चलाई गई, जो मेरी पगड़ी पर लगी। लंबे समय तक हाईकोर्ट में चले मुकदमें में तरनतारन पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। जिसके बाद तरनतारन पुलिस ने बलजीत सिंह गिल के बयानों पर धारा 325 को क्रास केस में बदल दिया। इस मामले में पुलिस ने भाजपा पार्षद राजा जोशी, भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष दिलबाग सिंह पड्डा, सतपाल शर्मा, साहिल शर्मा, गुरीश कुमार और राज कुमार अग्रवाल को नामजद किया। सिट द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के बाद तरनतारन पुलिस ने मामला अदालत में भेज दिया। पंजाब सरकार ने इस मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए, जिसके बाद डीजीपी द्वारा नए सिरे से सिट का गठन किया गया। इस सिट की टीम में अमृतसर पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव, क्राइम विंग के अमृतसर जोनल के एआइजी तेजिंदर सिंह मोड़, जालंधर जोन के एआइजी सु¨रदरजीत सिंह मंड को शामिल किया गया। तीनों अधिकारियों ने वीरवार को एसडीएम कार्यालय का जायजा लिया और दोनों पक्षों को सुना। भाजपा द्वारा सिट के समक्ष बयान दर्ज करवाने के लिए 6 नाम दिए गए। जबकि शिअद द्वारा पक्ष रखने के लिए 4 नेताओं के नाम दिए गए है।

सिट पर भरोसा है : नवरीत

सिट की टीम के एसडीएम कार्यालय पहुंचने पर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष नवरीत सिंह शफीपुर, पार्षद राजा जोशी, गुरप्रीत गोल्डी, सतपाल शर्मा, गुरीश अग्रवाल और राज कुमार अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा बनाई गई सिट की टीम पर उन्हे पूरा भरोसा है।

बीमार होने कारण नहीं पहुंचे बलजीत गिल

शिअद नेता बलजीत सिंह गिल बीमार होने के कारण सिट की टीम समक्ष नहीं पहुंच पाए। हालांकि उनके भाई हरजीत सिंह गिल अपने समर्थकों समेत एसडीएम कार्यालय पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि अदालत में चल रहे मुकदमें के दौरान सिट की टीम का दोबारा गठन नहीं किया जा सकता। फिर भी उन्हे अदालत पर पूरा भरोसा है।


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