पुरानी वर्कशॉप में है थाना, कैमरे भी कभी कभार ही करते हैं काम
तरनतारन : आम लोगों की सुरक्षा कितनी मजबूत होगी इसका अंदाजा शहर की पुलिस व्यवस्था से लगाया जा सकता है। एक लाख की आबादी वाली गुरु नगरी तरनतारन के थाना सिटी के पास अपनी इमारत ही नहीं है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : आम लोगों की सुरक्षा कितनी मजबूत होगी इसका अंदाजा शहर की पुलिस व्यवस्था से लगाया जा सकता है। एक लाख की आबादी वाली गुरु नगरी तरनतारन के थाना सिटी के पास अपनी इमारत ही नहीं है।
वर्षो पहले शहर के तहसील की इमारत जब जर्जर हुई थी तो उक्त इमारत में थाना बना दिया गया। दो वर्ष पहले कंडम इमारत गिरने लगी तो इसे पंजाब रोडवेज की पुरानी वर्कशाप वाली जर्जर इमारत में थाना सिटी को शिफ्ट कर दिया गया। इस थाने में सुरक्षा व्यवस्था कैसी होगी इसका अंदाजा यहा की नफरी से लगाया जा सकता है। थाने में एक प्रभारी के अलावा एक सब इंस्पेक्टर, 5 एएसआइ और 13 कांस्टेबल तैनात हैं। हाई कोर्ट के चक्कर लगाने लिए रोजाना दो थानेदार और दो हवलदार भागते रहते हैं। इतनी कम नफरी वाले थाने में सीसीटीवी कैमरे तो लगे हैं, लेकिन ये कैमरे कभी-कभी ही काम करते हैं। मालखाने की बात करें तो कंडम इमारत की वजह से माल मुकदमे से जुड़े वाहन खुले आसमान के नीचे ही होते हैं। दैनिक जागरण की टीम जब थाने का दौरा करने पहुंची तो मुख्य द्वार पर सुरक्षा नजर नहीं आई चारों और वाहनों का जमावड़ा ही नजर आया। एसएसपी दर्शन सिंह मान कहते हैं कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई भी ढील नहीं होती। थाने का अमला बढ़ाया जाता है।