तरनतारन में अचानक वार्ड से बाहर आए Coronavirus Positive 100 मरीज, करने लगे नारेबाजी
तरनतारन में आइसोलेशन वार्ड से लगभग 100 मरीज बाहर आ गए और नारेबाजी करने लगे। इससे अस्पताल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए।
तरनतारन [धर्मबीर सिंह मल्हार]। यहां सिविल अस्पताल मेें अचानक माहौल तनावपूर्ण हो गया। अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कुल 110 Coronavirus COVID_19 Positive मरीज हैं। इनमेें बुजुर्ग महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं। इनमें से लगभग 100 मरीज व उनके तीमारदार एक साथ आइसोलेशन वार्ड से बाहर आ गए और जमकर नारेबाजी करने लगे। संक्रमित मरीजों के बाहर आने से अस्पताल स्टाफ भी सहम गया। कई मरीजों ने तो मास्क तक नहीं पहने थे। मरीज आइसोलेशन वार्ड में घटिया प्रबंध होने की बात कर रहे थे। यह ड्रामा 40 मिनट तक चलता रहा। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों को भी मरीजों ने खरी-खरी सुनाई।
कोरोना संक्रमित छोटे बच्चों की देखभाल के लिए उनकी सात माताएं भी वहीं पर हैं। मामला सोमवार का है। शाम 4.10 बजे छह मरीजों ने आइसोलेशन वार्ड से बाहर आकर प्रबंधों पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। देखते ही देखते 100 मरीज वार्ड से बाहर आ गए और धरने पर बैठ गए। उधर, डीएसपी सुच्चा सिंह बल्ल, एसएमओ डॉ. इंद्रमोहन गुप्ता मौके पर पहुंचे और उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी। अस्पताल का बाहरी गेट बंद करवा दिया गया। एहतियात के तौर पर पंजाब पुलिस के कमांडो जवान तैनात कर दिए गए।
कोरोना मरीजों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कहने लगे या तो उनको गोली मार दी जाए या फिर घर जाने दिया जाए। आइसोलेशन वार्ड में बहुत गर्मी है, वे तंग आ गए हैं। पानी भी बोतल बंद नहीं मिल रहा। वह सुबह पांच बजे जाग जाते हैं, परंतु चाय साढ़े नौ बजे मिलती है। छोटे बच्चे दूध के लिए बिलखते रहते हैं। आरोप लगाया कि उनको लंगर से लाकर रोटी खिलाई जा रही है। रोटियां इतनी मोटी हैं कि बच्चों व बुजुर्गों से नहीं खाई जाती। मरीजों ने कहा कि उन्हें खांसी व बुखार का कोई लक्षण नहीं। शारीरिक तौर पर वह पूरी तरह से तंदुरुस्त हैं। उनको घर भेजा जाए।
एडीसी (जनरल) सुरिंदर सिंह, एसपी (आइ) जगजीत सिंह वालिया, थाना सिटी प्रभारी आइपीएस तुषार गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ. अनूप कुमार, डीएमसी डॉ. स्वर्णजीत धवन, तहसीलदार हरकरम सिंह मौके पर पहुंचे। उन्हें आश्वासन दिया कि भोजन में किसी भी तरह की कमी नहीं रहेगी। मरीजों को उनकी दोबारा रिपोर्ट जल्द मंगवाने का भी भरोसा दिलाया। इसके बाद कोरोना मरीज वार्ड में वापस चले गए।