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सिविल अस्पताल में इंसानियत की 'हत्या', झाड़ियों में खिली नन्ही मुस्कान

सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं के बड़े-बड़े दावों की पोल उस समय खुल गई जब सिविल अस्पताल में एक गर्भवती को प्रसव पीड़ा के दौरान भर्ती करने से इन्कार कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 11:55 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 05:05 AM (IST)
सिविल अस्पताल में इंसानियत की 'हत्या', झाड़ियों में खिली नन्ही मुस्कान

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन

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सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं के बड़े-बड़े दावों की पोल उस समय खुल गई, जब सिविल अस्पताल में एक गर्भवती को प्रसव पीड़ा के दौरान भर्ती करने से इन्कार कर दिया गया। गंभीर हालत में उसे अमृतसर ले जाने को कहा, लेकिन एंबुलेंस का इंतजाम नहीं किया गया। ऐसे में महिला ने अस्पताल के मेन गेट के पास ही झाड़ियों में एक बच्ची को जन्म दे दिया। स्टाफ और दर्जा चार कर्मचारियों की इंसानियत तब भी नहीं जागी। मानवता को शर्मसार करते हुए दर्जा चार कर्मचारियों ने महिला के कपड़े बदलने के बदले उसके पति से 300 रुपये ले लिए।

विधानसभा हलका पट्टी के गांव शेरों निवासी भाग सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी कुलदीप कौर गर्भवती हुई तो सिविल अस्पताल में इलाज शुरू करवाया। डाक्टरों ने 22 अक्टूबर को डिलिवरी की बात कही, लेकिन एक दिन पहले ही पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। बुधवार सुबह पांच बजे उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंचा। जच्चा-बच्चा वार्ड में तैनात स्टाफ ने ज्यादा बीपी और शारीरिक कमजोरी की बात कह पत्नी को भर्ती करने से इन्कार कर दिया। कहा, उसे अमृतसर के बेबे नानकी (गुरु नानक देव अस्पताल) ले जाओ, परंतु वहां भेजने के लिए एंबुलेंस मुहैया नहीं करवाई। कोई अन्य वाहन भी नहीं मिला। हारकर वह पत्नी और बच्चों के साथ अस्पताल के मुख्य गेट के पास ही बैठ गया। कुछ देर बाद कुलदीप कौर ने वहीं झाड़ियों के पीछे बच्ची को जन्म दे दिया। उसने डाक्टरों को सूचित किया, लेकिन फिर भी किसी ने मदद नहीं की। कुलदीप कौर के कपड़े बदलने के लिए दर्जा चार कर्मियों ने 300 रुपये ले लिए और कुलदीप कौर को लेबर रूम के साथ वाले बेड पर लिटा दिया। इसके बाद उसने अस्पताल में हंगामा किया तो कुलदीप कौर का अस्पताल में इलाज शुरू किया गया। साथ ही दर्जा चार कर्मचारी ने पैसे भी लौटा दिए। एसएमओ ने गायनी डाक्टर और स्टाफ नर्स से मांगा जवाब

एसएमओ डा. रोहित महिता सुबह जब अस्पताल पहुंचे तो लोगों ने इस मामले को लेकर विरोध जताया। डा. महिता तुरंत जच्चा-बच्चा वार्ड पहुंचे और मामले की जानकारी हासिल करी। उन्होंने कहा कि कुलदीप कौर को अमृतसर रेफर करने की बजाय गायनी डाक्टर को उसका इलाज करना चाहिए था। फिल्हाल गायनी डाक्टर व स्टाफ नर्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। सफाई कर्मी द्वारा पैसे लेने व एंबुलेंस मुहैया न करवाने की भी जांच की जाएगी। जांच के बाद आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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