निरंकारी भवन पर हमला करने वालों के निशाने पर था डेरा नूरमहल
चार सितंबर की रात को गांव कलेर के समीप जो ब्लास्ट हुआ था वो गत वर्ष अमृतसर स्थित निरंकारी भवन में हुए धमाके जैसा ही था।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : चार सितंबर की रात को गांव कलेर के समीप जो ब्लास्ट हुआ था वो गत वर्ष अमृतसर स्थित निरंकारी भवन में हुए धमाके जैसा ही था। कुछ दिन पहले यहां पर बम किसी और ने दबाया था और विदेश से मिले निर्देश के तहत इसे जमीन से निकालने वाली टीम और थी। इस टीम में शामिल दो युवकों की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि तीसरा घायल हो गया था। धमाके वाली जगह से तीन किलोमीटर की दूरी पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर आरोपितों तक पहुंचने लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है। जो उक्त बम लेने के लिए पहुंचे थे। आरोपितों से पूछताछ के दौरान यह सामने आया है कि उक्त लोगों की योजना दिव्य ज्योति जागृति संस्थान को निशाना बनाने की थी जबकि कुछ सियासी नेताओं पर नज़र रखने की तैयारी में थे। यह सामने आया है खालिस्तान का विरोध करने वाले सियासी दलों के नेताओं को बम धमाकों से पंजाब में खालिस्तान की मूवमेंट को हवा देने के लिए हाल ही में विदेशों से इनको फंडिग भी हुई थी। पंजाब के पूर्व आतंकियों से संबंधित नई पीढ़ी को अपनी मूवमेंट के साथ जोडने लिए हवाला राशि भेजने की फिराक में लगे कुछ ऐसे नाम सामने आने की उमीदें है जो लंबे समय से विदेशों में सेटल होकर पंजाब में आतंकवाद की तरह खालिस्तान की मूवमेंट को हवा देने के मूड में हैं।
ये सुराग मंगलवार को धमाके से संबंधित गिरफ्तार किए गए सात आरोपितों मानदीप सिंह मस्सा पंच, अमृतपाल सिंह बचड़े, चन्नप्रीत सिंह बटाला, मनप्रीत सिंह मुरादपुरा, हरजीत सिंह पंडोरी गोला, मलकीत सिंह कोटला गुजर व अमरजीत सिंह फतेहगढ़ चूड़ियां से प्रथम पूछताछ में लगे हैं। इसके आधार पर छह आरोपितों को सिविल जज अमनदीप कौर की अदालत में पेश कर पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।
गौर हो कि एक दिन पहले गिरफ्तार किया गया मानदीप सिंह मस्सा जो गांव दीनेवाल का पंच भी है, पहले ही चार दिन के पुलिस रिमांड पर है। इसी की निशानदेही पर पुलिस ने मंगलवार को छह आरोपितों को काबू किया था। प्रथम पूछताछ के दौरान 2 गाड़ियां, एक पाक सिम, विदेशी फंडिंग के दस्तावेज व कुछ असला पुलिस के हाथ लग चुके हैं।
18 नवंबर 2018 को अमृतसर स्थित निरंकारी भवन में हुए धमाके की तरह उक्त आरोपितों द्वारा पंजाब में बड़े स्तर पर बेकसूर लोगों का लहू बहाकर माहौल बिगाड़ने का प्लान था। चार सिंतबर की रात को जब धमाका हुआ तो मौके पर मारे जाने वाले बिक्रमजीत सिंह निवासी कदगिल, हरप्रीत सिंह निवासी बचड़े व जख्मी हुए गुरजंट सिंह जंटा द्वारा जमीन से बम निकालकर किन लोगों को सौंपा जाना था। यह पता चलना अभी बाकी है। त्योहारो में ब्लास्ट कर माहौल बिगाड़ने का आदेश देने वाले लोगों की अभी पुलिस द्वारा पहचान नहीं बताई जा रही। एसएसपी ध्रुव दहिया का कहना है कि जितनी देर तक सारे मामले की जांच मुकम्मल नहीं होती उतनी देर तक अधिकारित तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता। पूर्व जत्थेदार पर हमले की शिकायत क्यों हुई रफा-दफा
सात मार्च 2016 को रामगढि़या बुंगा में सिख विद्वानों की सभा हुई थी। इस सभा में श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार प्रो. दर्शन सिंह रागी व अन्य विद्वानों का तलवारें लेकर विरोध किया गया था। कुछ लोगों ने पत्थर भी बरसाए। गोइंदवाल बाईपास में बाइक पर सवार लोगों द्वारा बोतल बम से प्रो. दर्शन सिंह रागी व उनके साथियों पर हमला करने बाबत 8 मार्च को कुछ लोगों द्वारा शिकायत दी गई थी। इसकी जांच थाना प्रभारी द्वारा उस समय ड्यूटी अफसर बलजिंदर सिंह को जांच सौंपी गई परंतु न तो जांच मुकम्मल हुई और न ही शिकायत का सुराग मिला। धमाके के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपितों के तार 7 मार्च 2016 के बोतल बम कांड से जुड़े हुए हैं।