संशोधन पंजाब के ध्यानार्थ : जंटा के होश में अस्पताल में पुलिस का पहरा सख्ता, एक गिरफ्तारी
धमाके के मामले में 12 गुजर जाने के बाद भी एफआइआर में किसी आरोपित को नामजद नहीं कर पाई है। वहीं जंटा के होश में आने के बाद पुलिस ने पहरा सख्त कर दिया है।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : धमाके के मामले में 12 गुजर जाने के बाद भी एफआइआर में किसी आरोपित को नामजद नहीं किया गया है। यह मामला खुफिया एजेंसियों की समझ से भी परे लग रहा है। हालांकि, धमाके के मामले में खुफिया एजेंसियों ने रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजकर चौकसी बरतने की सलाह दी है। वहीं इस मामले में पुलिस ने एक गिरफ्तारी की है। आरोपित मस्सा सिंह निवासी गांव बीनेवाल को अदालत के सामने पेश करके चार दिन पुलिस रिमांड पर लिया गया है। इस गिरफ्तारी से धमाके के मामले में कई राजफाश होने की संभावना जताई जा रही है।
4 सितंबर की रात को जब धमाका हुआ था, तो पूरा जिला चौकस हो गया था। जगह-जगह पर पहली रात 16 बड़े नाके लगाए गए, जबकि 21 उन जगहों पर गश्त बढ़ाई गई, जो धार्मिक स्थानों के घेरे में आते थे। धमाके की जांच लिए एनआइए, एसएफएल, बीडीडीएस, एनजीएस, आइबी के साथ पंजाब पुलिस ने अपनी-अपनी रिपोर्ट तैयार की थी। इसके बाद काउंटर इंटेलीजेंस की टीम ने स्थानीय पुलिस को साथ लेकर गुरदासपुर, पठानकोट जिले में डेरे डाले। धमाके के आरोपित हरजीत सिंह हीरा के परिवार से की गई पूछताछ व खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में आपसी मेलजोल सामने आया था। धमाके के मामले में थाना सदर में दर्ज की एफआईआर के 12वें दिन भी किसी आरोपित को अभी तक नामजद नहीं किया गया और न ही धमाके में मरने वाले दोनों युवाओं का जिक्र किया है। ऐसे में पुलिस किस केंद्र बिंदू पर अभी काम करना चाहती है। इस बारे में समझ अभी खुफिया एजेंसियों को भी नहीं लगी।
गौर हो कि हरजीत सिंह हीरा के परिवार से पूछताछ के साथ पुलिस को मिली और जानकारी व खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में यह जाहिर हो चुका है कि देसी बम नुमा ग्रेनेड को जमीन से निकालते समय यह ब्लास्ट हुआ। इस ब्लास्ट में गांव कदगिल निवासी बिक्रमजीत सिंह विक्की, गांव बचड़े निवासी हरप्रीत सिंह हैप्पी की मौत हो गई थी। धमाके में घायल हुए गुरजंट सिंह जंटा की हालत अब खतरे से बाहर है। जंटा बार-बार अपनी मां के साथ बातें करना चाहता है। हालांकि, पुलिस दिन में एक बार ही उसकी मां से मुलाकात करवाती है। जंटा की मां ने उसे सुबह ही बताया है कि अब जीवन भर वह देख नहीं पाएगा। यह सुनकर जंटा दिन भर रोता रहा। जंटा के होश में आते ही अस्पताल में पुलिस ने पहरा पहले से ओर मजबूत कर दिया है। उधर, शाम को खुफिया एजेंसियों की टीम ने जंटा से धमाके के बारे में जानकारी लेनी चाही, परंतु जंटा ने यही कहा कि उसका धमाके के साथ वास्ता नहीं। इसके बाद अधिकारियों की टीम ने जंटा का इलाज कर रहे डाक्टर से बातचीत की और वापस लौट गई। त्योहारों के दिनों के कारण तो नहीं पुलिस चुप : खालिस्तानी पक्ष द्वारा दहशत पैदा करने से लेकर राज्य का माहौल खराब करने के मकसद से तो नहीं विस्फोटक सामग्री तो इकट्ठी की गई थी। ऐसा तो नहीं कि आने वाले दिनों में त्योहारों के मद्देनजर खालिस्तानी पक्ष वाले माहौल खराब करने की फिराक में थे। इन दोनों पहलुओं पर भी पुलिस शायद काम कर रही है। एसपी आई हरजीत सिंह धारीवाल के तबादले के बाद नई बनाई गई जांच टीम अभी रिपोर्ट तैयार करने में दो-तीन दिन और लगने की बात कह रही है। समझा जाता है कि आने वाले दिनों में त्योहारों के मद्देनजर पुलिस नहीं चाहती कि धमाके बाबत कोई ऐसा खुलासा किया जाए जिससे लोगों में दहशत पैदा हो। एसएसपी ध्रुव धहिया कहते हैं कि धमाके के मामले की जांच बहुत लंबी थी, जो मुकम्मल होने वाली है। जांच मुकम्मल होते ही सारी जानकारी सार्वजनिक कर दी जाएगी। फोटो- गुरु नानक देव सुपर सपेशलिटी अस्पताल में जेरे ईलाज गुरजंट सिंह जंटा के कमरे के बाहर तैनात पुलिस कर्मी।