जहरीली शराब ने जिंदगी में किया अंधेरा
जहरीली शराब पीने कारण मरने वालों के परिवारों को पांच-पांच लाख का मुआवजा दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : जहरीली शराब पीने कारण मरने वालों के परिवारों को पांच-पांच लाख का मुआवजा दिया जा रहा है। इसी तरह उन परिवारों को भी इतना ही मुआवजा दिया जाना है, जिनके सदस्य की जिंदगी में सदा के लिए अंधेरा छा चुका है। आंखों की रोशनी खो चुके पीड़ितों और उनके परिवारों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह से मांग की है कि अगर उनका मुआवजा बढ़ाकर दस लाख कर दिया जाए।
गांव बचड़े निवासी 60 वर्षीय सविंदर सिंह की जहरीली शराब से आंखें चली गई हैं, जबकि बेटे की मौत हो गई। पत्नी सरबजीत कौर दो बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है। सविंदर बड़े बेटे जसपाल सिंह, बहु सिमरनजीत कौर ने कहा कि आंखों की रोशनी चले जाने का सदमा परिवार में लगातार बढ़ता जा रहा है। उधर गांव रटौल निवासी रविंदर सिंह बिट्टू ने मुआवजे के लिए हलका विधायक डॉ. धर्मबीर अग्निहोत्री का धन्यवाद किया। साथ ही कहा कि वह बीएसएफ में तैनात रह चुका है। गांव में मटका लगाकर बेची गई शराब की गलासी अंदर जाते ही हालत बिगड़ गई थी। डॉक्टरों ने जान तो बचा ली, परंतु जिंदगी में सदा के लिए अंधेरा हो गया। दो लड़कियों और एक लड़के के भविष्य को मुख्य रखते हुए मुआवजा राशि दोगुनी की जाए। आरोपितों को सजा जरूर दिलवाएंगे: डॉ. अग्निहोत्री
विधायक डॉ. धर्मबीर अग्निहोत्री ने कहा कि जहरीली शराब के मामले में सरकार ने अपना फर्ज पूरा करते पीड़ितों को मुआवजा दिया है। अब हमारा फर्ज है कि जहरीली शराब के आरोपितों को सजा दिलवाकर पीड़ितों के कलेजे ठंडे किए जाएं। आंखों की रोशनी खो चुके पीड़ितों के परिवारों को भविष्य में संभव सहायता की जाएगी।