परी मां को पुकारती रही, रातभर रोती रही सोफिया, नशा तस्करी के खेल की सजा भुगत रही तीसरी पीढ़ी
परिवार के चार सदस्यों की मौत के बाद चार मासूम बच्चोंं को अपना कहने केे लिए कोई नहीं है। बच्चों की हालत देख पड़ोसी भी रो पड़े। एकमात्र बची बुआ भी बेबस नजर आ रही है।
तरनतारन [धर्मबीर सिंह मल्हार]। बीस साल से नशा तस्करी कर दूसरों के घर उजाड़ने वाले ब्रिज लाल धत्तू के परिवार के गलत कृत्यों की सजा तीसरी पीढ़ी भुगत रही है। अब चार मासूम बच्चों के पास अपना कहने वाला कोई नहीं। पांच मौतों के बाद सभी सहमे हैं। सारा घटनाक्रम अपनी आंखों से देखने वाली छह साल की परी सारी रात मां को पुकारती रही। दस माह की सोफिया की आंखें भी बार-बार मां को ढूंढ़ती रहीं और रातभर रोती रही। वह कुछ देर सोती और फिर उठकर रोने लगती। सोफिया के शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करने पर मां उसे गोद में ही रखती थी। अब न वो गोद बची है और न उठाने वाला।
मासूम परी भी हैरान थी कि घर में पहले की तरह चहल-पहल क्यों नहीं है। उसके साथ कोई खेल क्यों नहीं रहा। वह कभी मां अमनदीप कौर को ढूंढ़ती तो कभी दादा ब्रिज लाल को बापू कहकर पुकारती। चारों बच्चों को संभालने का प्रयास बुआ सरबजीत कौर ने भी किया, लेकिन उनकी बेबसी व रोने के आगे वह भी हार गई। हत्यारों ने बुधवार देर रात चार मासूमों के सामने उनकी माताओं, दादा और चाचा की बेरहमी से हत्या कर दी थी। ब्रिज लाल के तीनों बेटे पुलिस हिरासत में हैं।
आठ साल का भाई बना सहारा
जसप्रीत कौर की दस माह की मासूम सोफिया दिव्यांग है। मां उसे हर वक्त गोद में ही रखती थी। झूले में बिठाकर भी खेलती। अब सोफिया मां को ढूंढ़ती हुई बार-बार रोने लगती है। आठ वर्षीय भाई अमरदीप ही उसका सहारा बना। रोते देख कभी उसे झूले में लेकर बैठ जाता तो कभी पालतू कुत्ते, कबूतर व घोड़ों को दिखाकर हंसाने की कोशिश करता।
रातभर भूखी रही सुमित
अमनदीप कौर की बेटी सुमित भी रातभर भूखी रही। उसे कई रिश्तेदारों ने दूध पिलाने की कोशिश की, लेकिन उसे बस मां का आंचल चाहिए था। सभी की कोशिश बेकार गई। सुबह दस बजे पड़ोसी जगमोहन सिंह के बेटे को घर बुलाकर उसकी गोद में बिठाया गया, फिर सुमित ने बोतल से थोड़ा दूध पीया। बच्चों की ऐसी हालत देखकर लोग भी रो पड़े।
चारों शवों का एक साथ अंतिम संस्कार
गांव कैरों के सरपंच रणजीत सिंह राणा ने बताया कि परिवार पर इतना कहर बरपेगा, किसी ने सोचा नहीं था। वीरवार रात को ही परिवार ने सहमति जताते हुए एक साथ चारों शवों का अंतिम संस्कार किया। नौकर गुरसाहिब सिंह का अंतिम संस्कार पहले ही कर दिया था।
बता दें, पट्टी के गांव कैरों में नशा तस्करी करने वाले एक परिवार के चार सदस्यों और नौकर की हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार नशा तस्कर ब्रिज लाल के अलावा उसके पुत्र दलजीत सिंह बंटी, पुत्रवधू जसप्रीत कौर जस्सी व पुत्रवधू अमनदीप कौर अमन के अलावा उनके नौकर गुरसाहिब सिंह की गला रेतकर हत्या की गई। हमलावर घर से करीब 6.62 लाख रुपये की नगदी और करीब एक किलो सोने के गहने भी लूट ले गए। ब्रिज लाल का परिवार नशा तस्करी के कारण बदनाम था। उसके व उसके परिवार सदस्यों के खिलाफ अवैध शराब, अफीम, पोस्त और हेरोइन बेचने के 49 मामले दर्ज हैं। इससे पहले नशा तस्करी के आरोप में जेल काट रही ब्रिज लाल की पत्नी की पिछले महीने जेल में मौत हो गई थी।