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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने जहां से ड्रोन के जरिए भेजे थे हथियार, वहीं से आए घुसपैठिए

बीएसएफ द्वारा मार गिराये गए पाकिस्तान के पांचों घुसपैठिये उसी रास्ते से भारत में प्रवेश कर रहे थे जहां से पिछले साल आइएसआइ द्वारा ड्रोन से हथियार भेजे गए थे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 10:00 AM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 10:41 AM (IST)
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने जहां से ड्रोन के जरिए भेजे थे हथियार, वहीं से आए घुसपैठिए
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने जहां से ड्रोन के जरिए भेजे थे हथियार, वहीं से आए घुसपैठिए

तरनतारन [धर्मबीर सिंह मल्हार]। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने पिछले साल जिस क्षेत्र से ड्रोन के जरिए हथियार भारत भेजे थे, पांचों घुसपैठियों ने वही रास्ता चुना। सेक्टर अमरकोट में शनिवार सुबह बीएसएफ ने जिन पांच घुसपैठियों को मार गिराया, वह बड़ी मात्रा में हथियार और हेरोइन लेकर आ रहे थे। सीमा पार करके नंगे पांव आए इन घुसपैठियों के मंसूबे क्या थे, इसका पता लगाने के लिए खुफिया एजेंसियां जुट गई हैं। मारे गए घुसपैठियों के कब्जे से दो मोबाइल फोन मिले हैं। इनके माध्यम से पाक के कई नापाक इरादे बेपर्दा होने की उम्मीद है। पुलिस कॉल रिकॉर्ड खंगाल रही है।

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घुसपैठियों से ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला, जिससे उनकी पहचान हो पाए। मारे गए पांचों घुसपैठियों की उम्र 22 से 34 वर्ष के बीच बताई जा रही है। पाक से भारत दाखिल होने के लिए इन घुसपैठियों को महज डेढ़ किलोमीटर का सफर ही तय करना पड़ा। सीमा में घुसते ही ये बीएसएफ की गोलियों का निशाना बन गए।

नशा तस्करों व आतंकियों का गठजोड़

यह क्षेत्र नशे की समस्या से जूझ रहा है और यहां बेरोजगारी भी काफी है। यही कारण है कि कुछ भटके हुए युवा जल्दी पैसा कमाने के लिए नशा तस्करी में शामिल हो जाते हैं। यह क्षेत्र खालिस्तानी आतंकियों का गढ़ रहा है। यहां कई गैंगस्टर व नशा तस्कर आतंकियों से गठजोड़ के आरोपों में गिरफ्तार किए जाते रहे हैंं। पिछले वर्ष खालिस्तान कमांडो फोर्स के कुछ सदस्य भी पकड़े गए थे।

सितंबर में गिरफ्तार हुए थे चार आतंकी

पिछले वर्ष सितंबर में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के माध्यम से एके-47, पिस्टल, सेटेलाइट फोन, जाली करंसी और ग्रेनेड भेजे गए थे। बीएसएफ ने एक ड्रोन को मार गिराया था, जिससे इस नई चाल का पर्दाफाश हुआ था। खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से संबंधित आतंकी रंजीत सिंह नीटा ने पंजाब और जम्मू-कश्मीर में आतंकी कार्रवाई को अंजाम देने लिए जर्मनी में बैठे खालिस्तानी समर्थकों की मदद से पूरा जाल बुना था। पुलिस ने चोहला साहिब के पास चार खालिस्तानी आतंकियों को पकड़ा था। इस मामले की जांच एनआइए को सौंप गई थी।

तस्कर की अंगुली में लगी गोली, नहीं खुला मोबाइल का लॉक

अमरकोट सेक्टर के खालड़ा स्थित डल सीमा क्षेत्र में मिले मोबाइल फोन से पुलिस व बीएसएफ यह पता लगाने में जुटी है कि तस्करों का भारत में किन-किन लोगों से संपर्क था। मोबाइल के राज अभी राज ही हैं, क्योंकि जिस तस्कर से मोबाइल बरामद हुआ, उसकी अंगुली पर गोली लगी है। मोबाइल पर फिंगर लॉक लगा है और तस्कर की अंगुली से लॉक खुल नहीं रहा। इस मोबाइल में तस्करों का लोकल कनेक्शन जुड़ा होने की संभावना है।

बीएसएफ ने पैटर्न लॉक खुलवाने के लिए एक्सपर्ट को बुलाया है। एक अन्य फोन का लॉक खोला जा चुका है।तस्करों से दो पिस्टल ऐसे बरामद हुए हैं जिनमें जंग लगा है। इसकी मैगजीन निकालने के लिए भी बीएसएफ को भारी मशक्कत करनी पड़ी। बीएसएफ के अनुसार सभी तस्करों के चेहरे पर गोलियां लगी हैं। शवों को थाना खालड़ा पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

किसी की पहचान नहीं

पांचों घुसपैठियों में से किसी की भी पहचान नहीं हो पाई है। बीएसएफ ने संभावना जताई है कि भारतीय तस्करों के साथ संपर्क होने के बाद ही पाकिस्तान द्वारा घुसपैठियों को हेरोइन और हथियार देकर घुसपैठ के लिए भेजा गया था।


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