गोल्ड मेडल विजेता नवजोत ने बहन से प्रभावित होकर चुना था मल्ल अखाड़ा
एशियन खेलों में कुश्ती के 65 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली नवजोत कौर के घर पर जश्न का माहौल है। पारिवारिक सदस्य मिठाई बांटकर खुशी मना रहे हैं।
तरनतारन [धर्मबीर सिंह मल्हार]। श्री गुरु अर्जुन देव सरकारी कन्या स्कूल तरनतारन में छठी की पढाई के दौरान नवजोत कौर ने मल्ल अखाड़ा चुन लिया था। कुश्ती क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली नवजीत कौर से प्रभावित होकर नवजोत ने इस खेल को चुना था। यह कहना है नवजोत कौर के पिता सुखचैन सिंह, मां ज्ञान कौर ने दी। एशियन खेलों में कुश्ती के 65 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर नवजोत कौर ने तरनतारन का नाम दुनिया भर में रोशन किया है। मध्यवर्गीय किसान परिवार से संबंधित नवजोत कौर गांव बागड़िया की निवासी है।
नवजोत के परिजनों ने बताया कि चोटिल होने के कारण नवजीत ने खेलना बंद कर दिया, लेकिन देश के लिए कुछ कर दिखाने का जज्बा लेकर नवजोत दिन-रात एक कर मेहनत करती रहीं और इसी मेहनत के बल पर आज उसे सफलता मिली है। एश्यिा खेलों में कुश्ती के क्षेत्र में 65 किलो वर्ग में नवजोत कौर ने जब स्वर्ण पदक जीता तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं था। लेकिन, हैरानी वाली बात यह है कि जिले के किसी भी प्रशासनिक अधिकारी, खडूर साहिब के विधायक या किसी अन्य नेता ने उनके परिवार को बधाई देने लिए फोन तक नहीं किया।
तरनतारन का नाम चमकाने वाली नवजोत कौर ने वर्ष 2013 में एशियन खेलों में सिल्वर मेडल जीता। कॉमलवेल्थ 2014 के दौरान कांस्य पदक जीतने वाली नवजोत कौर ने उसी दिन इरादा किया था कि वह एक दिन गोल्डन गर्ल बनेगी। दैनिक जागरण को जानकारी देते हुए नवजोत कौर के पिता सुखचैन सिंह, मां ज्ञान कौर, भाई जुगराज सिंह, बहन नवजीत कौर ने बताया कि उनके लिए आज खुशी का सबसे बड़ा दिन है। परिजनों ने लड्डू बांटकर भंगड़ा डाला।
नवजोत कौर के पारिवारिक सदस्य मुंह मीठा करते हुए।
सुखचैन सिंह कहते हैं कि उनकी बेटी ने उनका नाम रोशन कर दिया है। मां ज्ञान कौर ने कहा कि कुश्ती के क्षेत्र में वर्षो से देश और दुनिया में तरनतारन का नाम चमकाने वाली नवजोत कौर को न तो शिअद-भाजपा सरकार ने पूछा और न ही कांग्रेस सरकार ने नौकरी देने की ठानी। एश्यिा खेलों में भारत की नुमाइंदगी करने वाली नवजोत के कोच अशोक कुमार काला वलीपुरिया का कहना है कि लड़कियां खेलों में देश का नाम रोशन कर रही हैं। प्रदेश सरकार को चाहिए कि इस परिवार को बड़ा तोहफा दे ताकि खेलों प्रति युवा उत्साहित हो सके।
परिवार के सदस्यों की सीएम से मांग, नवजोत को बनाया जाए डीएसपी
रेलवे विभाग में बतौर क्लर्क तैनात नवजोत कौर के गोल्ड मेडल जीतने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर बधाई दी है। नवजोत के पिता ने अपनी बेटी के लिए मोगा की हरमनप्रीत कौर की तरह पंजाब पुलिस में डीएसपी की नौकरी मांगी है। पिता सुखचैन सिंह का कहना है कि खेलों में पंजाब के खिलाड़ी देश का नाम तो रोशन करते है लेकिन सरकार द्वारा उनको बनता सम्मान नहीं मिलता। पंजाब सरकार को हरियाणा से सबक लेना चाहिए।
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