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बेटे से दूर न रह सकी मां, डाक्टरों के साथ कोरोना पाजिटिव बेटे की आइसोलेशन वार्ड कर रही देखभाल

पंजाब में कोरोना विस्‍फोट के बीच आपसी रिश्‍तों की मजबूती भी दिख रही है। तरनतारन में एक मां कोरोना पॉजिटिव बेटे से अलग नहीं रह सकी। वह आइसोलेशन वार्ड में बेटे की देखभाल कर रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 11:10 AM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 11:10 AM (IST)
बेटे से दूर न रह सकी मां, डाक्टरों के साथ कोरोना पाजिटिव बेटे की आइसोलेशन वार्ड कर रही देखभाल
बेटे से दूर न रह सकी मां, डाक्टरों के साथ कोरोना पाजिटिव बेटे की आइसोलेशन वार्ड कर रही देखभाल

तरनतारन, [धर्मबीर सिंह मल्हार]। पंजाब में कोरोना विस्‍फोट के बीच लोगाें के बीच आपसी रिश्‍ताें की मजबूती भी देखने को मिल रही है। लोग संकट की इस घड़ी में ए‍क-दूसरे का पूरा ध्‍यान रख रहे हैं। कई जगह आपसी रिश्‍तों की झलक देखने को मिल रही है। इनमें मां और संतान का रिश्‍ता सबसे ऊपर है। बच्‍चों की सुरक्षा के लिए मां किस हद तक जा सकती है इसकी मिसाल तरनतारन में दिख रही है। मां की जिद के आगे सेहत विभाग को झुकना पड़ा। कोरोना पाजिटिव अपने बेटे की देखभाल के लिए आइसोलेशन वार्ड में रहने के लिए मां ने जिद पर अड़ गई। वहीं 11 वर्षीय बेटा भी अपनी मां से दूर नहीं रहना चाहता था। जिसके बाद सेहत विभाग को मजबूरन उसे सशर्त अपने बेटे की देखभाल की मंजूरी देनी पड़ी।

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आइसोलेशन वार्ड में दाखिल बेटे की संभाल में लगी मां न हो संक्रमित, डाक्टर बरत रहे सावधानी

सूत्रों के अनुसार पहले तो विभागीय अधिकारी इस बात के लिए तैयार नहीं हुए लेकिन जब मां ने आवेश में आकर अपनी जान तक देने की बात कह दी तो अधिकारियों के पैरों के तले से जमीन खिसक गई। इसके बाद उसे आइसोलेशन वार्ड में दाखिल बेटे की देखभाल के लिए सशर्त मंजूरी दी गई। उसे अपने बेटे को नहलाने, वाशरूम ले जाने और खाना देने की छूट दी गई है। परंतु इसके साथ ही कोरोना पाजिटिव बेटे के साथ उसकी मां की देखभाल करने को लेकर सेहत विभाग की चुनौती बढ़ गई है।

पाॅजिटिव आई थी दादा-पोते की रिपोर्ट, मां ने ब'चे के साथ रहने की जिद की तो सेहत विभाग ने दी मंजूरी

बता दें कि सीमावर्ती कस्बा खेमकरण क्षेत्र के रहने वाले दादा-पोता श्री हजूर साहिब गए थे। 26 अप्रैल को घर वापसी के बाद उनके टेस्ट लिए गए थे। दोनों की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर 30 अप्रैल को उन्हें आइसोलेट करने के लिए अस्पताल लाया गया। ब'चे काी मां भी साथ ाई थी और उसके बाद उसने घर जाने की बजाए अस्पताल में रहने की ही जिद पकड़ ली थी।

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'' महिला की जिद के बाद उसके लिखित अनुरोध पर उसे ब'चे की देखभाल करने की मंजूरी दी गई है। महिला की सेहत को लेकर एहतियात बरती जा रही है। उसकी स्क्रीनिंग भी की जा रही है और एक दो दिन में उसका सेंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा।

                                                                                        - डा. अनूप कुमार, सिविल सर्जन, तरनतारन। 


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