सर्जिकल स्ट्राइक से शहीद सैनिकों के परिजन खुश, कहा- सीने को अब मिली ठंडक
भारत द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक कर 15 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर देने से शहीद सैनिकों के परिजन खुश हैं। परिजनों का कहना है कि उनके सीने में अब ठंडक पड़ी है।
तरनतारन, [धर्मबीर सिंह मल्हार]। भारत ने अपने जवान से बर्बरता का बदला पाकिस्तान से ले लिया है। भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स व सीमा सुरक्षा बल के विशेष कमांडो ने एक बार फिर पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर 15 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर दिया। भारत की इस कार्रवाई से शहीद सैनिकों के परिजन खुश हैं। परिजनों का कहना है कि उनके सीने में अब ठंडक पड़ी है।
शहीद सैनिकों के परिजनों ने कहा कि भारत को चाहिए कि पाकिस्तान को समय-समय पर सबक सिखाता रहे। तरनतारन जिले के गांव वेईपुई निवासी भारतीय सेना के शहीद नायक परमजीत सिंह की पत्नी परमजीत कौर ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने उनके पति के साथ ऐसा ही बर्बर व्यवहार किया था। अब उनके कलेजे को ठंडक पड़ी है।
उन्होंने कहा कि 1 मई, 2017 को उनके पति और उनके साथी सैनिक को पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा बर्बरता से शहीद किया गया था। परमजीत की बेटी सिमरनदीप कौर, खुशदीप कौर व बेटे साहिलदीप सिंह ने कहा कि जब हमारे पिता का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए गांव लाया गया था तो उनका सिर नहीं था। उसी दिन से हम बहुत दुखी थे कि आखिर सैनिकों की शहादत का बदला कब लिया जाएगा।
जरूरी था पाकिस्तान को सबक सिखाना
जिले के गांव भुल्लर के कारगिल शहीद बलदेव सिंह भुल्लर की पत्नी बलजीत कौर ने कहा कि पाकिस्तान ने कभी भी पड़ोसी होने के नाते दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाया। आए दिन सीमा पर भारतीय जवानों की शहादत हो रही है। सैनिक भले ही देश पर कुर्बान होने लिए तैयार रहते हैं, परंतु पाकिस्तान को सबक सिखाना बहुत जरूरी था।
तरनतारन के गांव मल्लमोहरी के कारगिल शहीद बलविंदर सिंह मल्लमोहरी की पत्नी बलजीत कौर कहती हैं कि पाकिस्तान को उसी की धरती पर जाकर भारतीय सैनिकों ने सबक सिखाया है। इस कार्रवाई से भारतीय सैनिकों और उनके परिवारों का हौसला बढ़ा है।