समय के साथ बदली विवाह की रीत, अब दूल्हा-दुल्हन के कुंडली मिलान के बजाए करते हैं यह उपाय
पंजाब में समय के साथ-साथ विवाह के रीति-रिवाज भी बदल रहे हैं। अब शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन की कुंडली मिलान की जगह डोप टेस्ट करवाया जाता है।
तरनतारन, [धर्मबीर सिंह मल्हार]। समय के साथ प्रथाएं और रीति-रिवाज बदल जाते हैं, लेकिन कई बार हालात भी इसके लिए मजबूर कर देते हैं। पंजाब खासकर तरनतारन जिले में शादी के तरीके व उससे पहले के रीति-रिवाज बदल रहे हैं। पहले शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन के कुंडलियों के मिलान होते थे, लेकिन अब यह तरीका बदल रहा है। अब इसकी जगह डोप टेस्ट के रिजल्ट मिलाए जा रहे हैं। जन्म कुंडली मिले न मिले लेकिन डोप टेस्ट जरूर सही होने चाहिए। शादी से पहले सिर्फ लड़कों ही नहीं लड़कियों के भी डोप टेस्ट कराए जा रहे हैं।
नशे का अभिशाप झेल रहे क्षेत्रों के लोग विवाह से पहले करवाने लगे युवाओं के डोप टेस्ट
यहां के सिविल अस्पताल में फरवरी से लेकर अगस्त तक विवाह के लिए 12 युवक-युवतियाें के डोप टेस्ट कराए जा चुके हैं। इनमें नौ युवक और तीन युवती शामिल हैं। हालांकि, राहत की बात है कि इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई और वे शादी के बंधन में बंध गए। सिविल अस्पताल से 1500 रुपये फीस लेकर डोप टेस्ट की रिपोर्ट ली जा रही है। अस्पताल द्वारा डोप टेस्ट करवाने वाले ऐसे युवाओं के नाम गुप्त रखे जा रहे हैं। सिविल अस्पताल में मंगलवार व वीरवार को डोप टेस्ट होते हैं।
ऐसे आया बदलाव
दरअसल नशे ने पंजाब के युवाओं की अपनी जकड़ में ले लिया है और नशे के लिए राज्य बदनाम हो गया है। तरनतारन जिले में भी नशे की मार ने युवा पीढ़ी का बुरा हाल कर दिया है। युवा नशे के जाल में फंसकर बर्बादी की कगार पर पहुंच रहे हैं और परिवार पर परिवार तबाह हो रहे हैं। ऐसे में माता-पिता चाहते हैं कि उनकी बेटी का विवाह ऐसे घर में हो, जहां वह खुशी के साथ रह सके। अगर पूरा ध्यान न दिया तो पति नशेडी़ निकल सकता है और उनकी बेटी की जिंदगी नर्क बन जाएगी। यही कारण है कि परिजन विवाह से पहले अब लड़कों का डोप टेस्ट कराने लगे हैं। लड़कियों को भी नशे की लत लग जा रही है तो कुछ लड़के वाले भी लड़कियों का डोप टेस्ट करवाने को तरजीह दे रहे हैं।
माता-पिता की चाहत बेटी ससुराल में रहे खुश
अपनी बेटी के भावी पति का डोप टेस्ट करवाने पहुंचे तरनतारन के एक गांव के निवासी पिता ने पहचान न बताने की शर्त पर बताया कि हर माता-पिता की यह इच्छा होती है कि उनकी बेटी का विवाह ऐसे घर में हो जहां, खुशहाली हो। पति भी अच्छा हो। लड़कों में बढ़ती नशे की लत से परिवार बर्बाद होते जा रहे हैं। यह जानने कि हमारी बेटी के भावी पति को भी नशे की लत तो नहीं है, इसलिए हम उसके मंगेतर का डोप टेस्ट करवाने आए थे। भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि डोप टेस्ट नेगेटिव आया है।
सामाजिक संस्था ने शादी के लिए रखी युवाओं के डोप टेस्ट की शर्त
महाऋषि वाल्मीकि धूंदा सोसायटी हर वर्ष की तरह गरीब परिवारों की लड़कियों का कन्यादान समागम करवा रही है। आठ लड़कियों के विवाह के लिए परिवारों ने मंगनी की रस्म पूरी कर ली है। मंगनी की रस्म के बाद विवाह से पहले अब कुंडली मिलान काे नहीं बल्कि डोप टेस्ट को तरजीह दी गई है। संस्था की ओर से विवाह के लिए पंजीकृत युवाओं के डोप टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव है। सोसायटी के अध्यक्ष बाबा ज्ञान सिंह, जसवंत सिंह और स्वर्ण सिंह धूंदा ने बताया कि संस्था द्वारा विवाह से पहले डोप टेस्ट की रखी गई शर्त पर सभी युवा खरे उतरे।
ऐसे होता है डोप टेस्ट
डोप टेस्ट कराने आए युवक के पेशाब के सैंपल की जांच की जाती है। जांच से पता चल जाता है कि व्यक्ति किस तरह का नशा लेता है। यदि वह ट्रामाडोल, नारफिन, बिपरो नारफिन, एलपेक्स के अलावा हेरोइन और स्मैक जैसे घातक नशे का सेवन करता है तो यह डोप टेस्ट में यह पकड़ में आ जाता है। यदि किसी ने एक सप्ताह पहले नींद की गोली भी ली है, तो यह भी पता चल जाता है। डोप टेस्ट के लिए 1500 रुपये फीस है और यह सिविल अस्पतालों में होती है।
दीनानगर में दूल्हे के डोप टेस्ट में फेल होने पर दुल्हन ने लौटा दी थी बरात
गुरदासपुर जिले के दीनानगर में मई 2017 में दूल्हे को नशे में देखकर 22 वर्षीय सुनीता ने उसका डोप टेस्ट कराने की मांग रखी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपकरणों की कमी से डोप टेस्ट नहीं हो सका। दुल्हन की जिद पर दूल्हे का गुरदासपुर के निजी लैब में डोप टेस्ट में कराया गया। दूल्हा डोप टेस्ट में फेल हो गया। इसके बाद बरात बैरंग लौटा दी गई।
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विवाह से पहले युवा करवा रहे डोप टेस्ट : एसएमओ
तरनतारन के सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. इंद्र मोहन गुप्ता कहते हैं कि ट्रामाडोल, नारफिन, बिपरो नारफिन, एलपेक्स के अलावा हेरोइन और स्मैक जैसे घातक नशे को डोप टेस्ट पकड़ लेता है। विवाह से पहले करीब एक दर्जन युवाओं के डोप टेस्ट करवाए गए हैं। इन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। डोप टेस्ट करवाने वालों में कुछ लड़किया भी शामिल हैं।
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पंचायतों को भी होना चाहिए जागरूक : डीसी सभ्रवाल
डिप्टी कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल कहते हैं कि नशे के खिलाफ लोगों में जागरूकता आ रही है। इसलिए अब विवाह से पहले डोप टेस्ट करवाने का रूझान शुरू हुआ है। यह रूझान समाज के लिए एक मिसाल है। पंचायतों को चाहिए कि प्रत्येक गांव में डोप टेस्ट के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अपनी अहम भूमिका निभाएं।
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