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कछुआ चाल रही तो पड़ सकता है बेड पर बैड प्रभाव

राज्य में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। इसके चलते जिला प्रशासन द्वारा सेहत विभाग को पहले से अधिक चौकस रहने के आदेश दिए गए है। एक सप्ताह के दौरान जिले में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 11:30 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 11:30 PM (IST)
कछुआ चाल रही तो पड़ सकता है बेड पर बैड प्रभाव
कछुआ चाल रही तो पड़ सकता है बेड पर बैड प्रभाव

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : राज्य में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। इसके चलते जिला प्रशासन द्वारा सेहत विभाग को पहले से अधिक चौकस रहने के आदेश दिए गए है। एक सप्ताह के दौरान जिले में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी है। जिले में कोरोना मरीजों संख्या यहां तेजी से बढ़ रही है, वहीं आपातकालीन की स्थिति पैदा होती है तो जिले में बेड का काल पड़ सकता है। हालांकि प्रशासन ने पीड़ित मरीजों को घरों में ही आइसोलेट करना शुरू कर दिया है।

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साढ़े 11 लाख की आबादी वाले जिले में तीन बड़े सरकारी अस्पताल है। सिविल अस्पताल पट्टी और सिविल अस्पताल खडूर साहिब 50-50 बेड वाले है। परंतु अभी तक यहां पर कोविड मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड नहीं बनाई जा पाई। जिला स्तरीय सिविल अस्पताल में कोविड मरीजों लिए आइसोलेशन वार्ड का प्रबंध है। यहां पर 100 बेड की व्यवस्था है। प्रशासन द्वारा कोविड के मरीजों बाबत ए,बी व सी कैटागिरी तैयार की गई है। जिसके मुताबिक कोविड मरीजों लिए जिले भर में 365 बेड की भी व्यवस्था है। जबकि कोविड मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। तीन सप्ताह पहले प्रत्येक दिन में कोविड का एक मरीज सामने आता था। एक सप्ताह के बाद यह संख्या तीन से पांच तक पहुंची। अब पांच दिन से प्रत्येक दिन में कोविड के छह से 15 से लेकर 23 मरीज सामने आ रहे है। अब बात करें सरकारी प्रबंधों की तो सेहत विभाग की कछुआ चाल बेड पर बैड प्रभाव डाल सकती है। जिले में अब तक कोरोना के कुल मामलों की संख्या कुल 406 तक पहुंच चुकी है। इनमें से एक्टिव मरीजों की संख्या 160 से अधिक है। जबकि दस मरीजों की मौत हो चुकी है। अब बात करें सरकारी प्रबंधों की तो ए कैटागिरी के तहत माई भागो कॉलेज ऑफ नर्सिग में 100 बेड की व्यवस्था की गई है। जिसे कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) का नाम दिया गया है। यहां पर उन मरीजों को रखा जा रहा है, जिनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव तो है, परंतु खांसी, जुकाम, बुखार जैसे कोई लक्षण नहीं। बी कैटागिरी में सिविल अस्पताल तरनतारन के आइसोलेशन वार्ड को शामिल किया गया है। यहां पर 100 बेड की व्यवस्था की गई है। इस वार्ड में कोविड के उन मरीजों को बी कैटागिरी तहत रखा गया है। जिनको खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत, शूगर, हृदय रोग की शिकायत है। इसी तरह की व्यवस्था गुरु नानक देव सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में की गई है। यहां पर ऐसे ही 150 ओर मरीज रखे जा सकते है। सी कैटागिरी खतरे की घंटी में शामिल है। यहां पर कुल 15 बेड की व्यवस्था है। इनमें से 13 बेड उक्त अस्पताल (गुरु नानक देव सुपर स्पेशलिटी) व दो बेड आनंद अस्पताल (निजी) में किए गए है। अब सवाल यह पैदा होता है कि जिले में कोविड मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ते ही बेड का काल पड़ सकता है। ओर बेड बाबत की जाएगी व्यवस्था

सिविल सर्जन अनूप कुमार कहते है कि जिले भर में प्रत्येक दिन में कोविड टेस्टों की संख्या बढ़ा दी गई है। जिले में रोजाना विभिन्न सरकारी अस्पतालों में 200 से अधिक लोगों के सैंपल सिविल अस्पताल तरनतारन, पट्टी, खडूर साहिब, झब्बाल, सरहाली, खेमकरण, सुरसिंह में लिए जा रहे है। सिविल सर्जन ने बताया कि आपातकालीन की स्थिति से निपटने के लिए ओर बेड की व्यवस्था बाबत तैयारी की जा रही है। इस संबंध में बकायदा सेहत विभाग को भी लिखा जा रहा है।


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