लापता सिपाही बलविंदर सिंह का पुलिस रिकॉर्ड कैसे हुआ गायब, जांच शुरू
। गांव सखीरा निवासी पंजाब पुलिस के बर्खास्त सिपाही बलविंदर सिंह का मामला थाना सरहाली की पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : गांव सखीरा निवासी पंजाब पुलिस के बर्खास्त सिपाही बलविंदर सिंह का मामला थाना सरहाली की पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है। इस मामले में सीबीआइ की ओर से रिकॉर्ड मांगे जाने पर आइजी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच एक सप्ताह में पूरी कर रिपोर्ट सीबीआइ कोर्ट में भेजी जानी है।
आतंकवाद के दौर समय बाबा चरण सिंह, उनके भाइयों मेजा सिंह, केसर सिंह, गुरदेव सिंह, पिता गुरमेज सिंह व रिश्तेदार बलविंदर सिंह निवासी गांव सखीरा को पुलिस ने गैर कानूनी ढंग से हिरासत में लेकर फर्जी मुकाबले में मार दिया था। गांव सखीरा निवासी बलविंदर सिंह पंजाब पुलिस में सिपाही भर्ती था। उसके आतंकियों के साथ संबंध जग जाहिर हो गए। बाद में पुलिस विभाग ने बलविंदर सिंह को बर्खास्त कर दिया था।
बलविंदर सिंह सखीरा को गिरफ्तार कर 28 अप्रैल 1993 को असलहा की बरामदगी के लिए थाना सरहाली की पुलिस कहीं ले जा रही थी कि वह कथित तौर पर फरार हो गया। 24 जनवरी 1995 को स्थानीय अदालत ने बलविंदर सिंह को भगोड़ा करार दे दिया। बलविंदर सिंह की मां गुरमीत कौर ने 1997 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि तरनतारन पुलिस ने उसके बेटे समेत अन्य रिश्तेदारों को अवैध हिरासत में रखने के बाद फर्जी मुकाबले में मार डाला है।
गुरमीत कौर की ओर से दायर याचिका पर सीबीआइ ने मामले की जांच की। इस दौरान यह सामने आया है कि बाबा चरण सिंह, मेजा सिंह, केसर सिंह, गुरदेव सिंह, गुरमेज सिंह व बलविंदर सिंह को फर्जी मुकाबले में मार दिया गया था। उधर जांच के दौरान थाना सरहाली की पुलिस ने एक ऐसा दस्तावेज सीबीआइ को पेश किया, जिसमें बलविंदर सिंह को हथियारों की बरामदगी के लिए 24 अप्रैल 1993 को कहीं ले जाने के मौके कोरे कागज पर उसके अंगूठे के निशान लिए गए। बाद में थाना सरहाली से यह रिकॉर्ड गायब कर दिया गया। बलविंदर सिंह के मामले को निपटाने के लिए तरनतारन पुलिस ने उसकी पत्नी को विभाग में नौकरी दे दी और समय-समय पर उसको तरक्की भी दी जाती रही। बलविंदर सिंह की पत्नी अब तरनतारन जिले में ही तैनात है। आतंकियों से संबंध रखने के बदले डिसमिस किए सिपाही बलविंदर सिंह की पत्नी को पुलिस विभाग में नौकरी क्यों दी गई, यह मामला सीबीआइ की मोहाली अदालत में उठाया गया है।
आइजी ने दिए हैं देहाती पुलिस
को जांच के आदेश
गत दिन पूर्व आइजी बार्डर जोन सुरिदरपाल परमार ने थाना सरहाली से गायब हुए रिकॉर्ड की जांच अमृतसर देहाती पुलिस को सौंपने की जानकारी दी थी। साथ ही यह भी आदेश दिया है कि थाने से गायब हुए रिकॉर्ड बाबत डीएसपी रैंक के अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाए।